आलायंस के जरिए गूगल बना रहा दबाव
गूगल ब्राउजर चॉइस अलायंस (BCA) नामक समूह का समर्थन कर रहा है, जिसमें Opera, Vivaldi और कई छोटे ब्राउज़र डेवलपर्स शामिल हैं। इसका मकसद माइक्रोसॉफ्ट पर दबाव डालना है कि वह Windows के जरिए Edge ब्राउजर को बढ़ावा देने की अपनी कथित अनुचित रणनीतियां बंद करे।
BCA का दावा है कि माइक्रोसॉफ्ट Edge में सीधे AI-पावर्ड Copilot असिस्टेंट को इंटीग्रेट कर रहा है, जो टैब मैनेजमेंट से लेकर टास्क ऑटोमेशन तक की सुविधाएं देता है। इसके साथ ही, वे आरोप लगाते हैं कि कंपनी “डार्क पैटर्न्स” का इस्तेमाल कर रही है, जैसे प्रतियोगी ब्राउजर डाउनलोड करने पर चेतावनी संदेश दिखाना या सिस्टम रीसेट के बाद Edge को डिफॉल्ट बना देना।
AI के दौर में गूगल सर्च हो रहा प्रभावित
गूगल इसका सबसे बड़ा वित्तीय सहयोगी है, क्योंकि ब्राउजर की लोकप्रियता सीधे सर्च मार्केट में गूगल की पकड़ को प्रभावित करती है। इस वजह से डेस्कटॉप और लैपटॉप पर AI की जंग में Edge को “AI ब्राउजर” के रूप में स्थापित करने की कोशिश तेज हो गई है।
आंकड़ों को देखें तो गूगल की सर्च मार्केट पर पकड़ कमजोर हो रही है। स्टैटकाउंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 के बाद 2024 की आखिरी तिमाही में पहली बार गूगल का सर्च मार्केट शेयर 90% के नीचे चला गया। दिसंबर 2024 में गूगल का मार्केट शेयर 89.73% था। इसकी एक बड़ी वजह AI के क्षेत्र में बढ़ते सर्च इंजन कंपीटीशन को बताया गया है।
बढ़ रहा है नियामक दबाव
यूरोप में BCA ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, आरोप है कि कंपनी नए प्रतिस्पर्धा नियमों से बचने की कोशिश कर रही है। वहीं ब्राजील में Opera ने औपचारिक शिकायत दी है कि माइक्रोसॉफ्ट उन यूजर्स को परेशान कर रहा है जो ब्राउजर बदलना चाहते हैं।
ब्राउजर युद्ध का यह नया अध्याय न सिर्फ तकनीकी कंपनियों के बीच टक्कर दिखाता है, बल्कि AI के दौर में यूजर्स की पसंद और नियंत्रण की जंग को भी उजागर करता है।
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