सीएमआईई का दावा: बेरोजगारी 34 माह में सबसे कम, लोगों के पास रोजगार 9 साल में सबसे ज्यादा

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि श्रमबल भागीदारी में बढ़ोतरी से जुलाई में बेरोजगारी दर सात फीसदी के नीचे आ गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि जुलाई में 43.3 करोड़ लोगों के पास था रोजगार था।

CMIE claims: Unemployment is lowest in 34 months, people have highest employment in 9 years

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श्रमबल भागीदारी बढ़ने से देश में बेरोजगारी दर जुलाई, 2025 में घटकर 34 महीने के निचले स्तर 6.8 फीसदी पर आ गई। 34 महीने में यह दूसरा अवसर है, जब यह दर सात फीसदी के नीचे रही। इससे पहले मई, 2025 में बेरोजगारी दर पहली बार सात फीसदी के स्तर से नीचे 6.9 फीसदी रही थी।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने कुल 43.3 करोड़ लोगों के पास रोजगार था।  यह संख्या जनवरी, 2016 के बाद 9 साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अप्रैल, 2025 में सर्वाधिक 43.2 करोड़ लोगों के पास रोजगार था। हालांकि, जून में यह संख्या घटकर 42.6 करोड़ रह गई। लेकिन, जुलाई के आंकड़े बताते हैं कि रोजगार में तेज सुधार दर्ज किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, बेरोजगारी दर घटाने में अहम योगदान देने वाली श्रम भागीदारी दर (एलपीआर) जुलाई में बढ़कर 41.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। जून में यह 41.3 फीसदी रही थी। इस दौरान सक्रिय रूप से रोजगार ढूंढ रहे 30 लाख अतिरिक्त लोग श्रम बाजार में शामिल हुए।

रोजगार 64 लाख बढ़ा, 33 लाख घटे बेरोजगार
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि श्रम बाजार से जुलाई में भले ही 30 लाख अतिरिक्त लोग जुड़े, लेकिन रोजगार की संख्या में 64 लाख की वृद्धि दर्ज की गई। इसका मतलब है कि श्रम बाजार में शामिल होने वाले नए लोगों को तो रोजगार मिल गया, लेकिन जो बेरोजगारों की सूची में थे, उनमें से भी कई को काम मिला। इससे बेरोजगारों की संख्या में 33 लाख की गिरावट आई। श्रम बाजार के हाल के आंकड़े बताते हैं कि रोजगार मिलने की दर कार्यशील आयु वर्ग की संख्या बढ़ने की रफ्तार से कहीं अधिक तेजी से बढ़ रही है।

औसत मासिक बेरोजगारी में भी गिरावट
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत से देश में औसत मासिक बेरोजगारी दर 7.2 फीसदी रही है। यह पिछले दो वित्त वर्षों 2023-24 और 2024-25 में दर्ज की गई 8.1 फीसदी की औसत दर से काफी कम है। यह 2024-25 की अंतिम तिमाही में अनुमानित 7.8 फीसदी बेरोजगारी दर से भी कम है। यानी बेरोज़गारी दर में गिरावट आ रही है।

दो साल बाद श्रम बाजारों में तेज सुधार
कोरोना काल में लॉकडाउन से ठीक पहले रोजगार मिलने की दर 40 फीसदी से अधिक थी। 2022-23 में सुधार शुरू होने से पहले यह 36.4 फीसदी के निचले स्तर पर आ गई। 2023-24 में यह बढ़कर 37.1 फीसदी और 2024-25 में 37.8 फीसदी पहुंच गई। 2025-26 में अब तक रोजगार मिलने की दर 38 फीसदी से अधिक रही है। सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वे से उपलब्ध श्रम आंकड़े बताते हैं कि दो वर्षों के निरंतर सुधार के बाद 2025-26 में श्रम बाजारों में अच्छी तेजी देखी जा रही है।

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Author: ILMA NEWSINDIA

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