खून से लाल हो रहे कबड्डी के मैदान: पंजाब से कनाडा तक गैंगस्टरों का खौफ, तीन साल में 10 खिलाड़ियों की हत्या

पंजाब | स्पेशल रिपोर्ट
कबड्डी—वो खेल जो कभी पंजाब की मिट्टी की पहचान हुआ करता था, अब खिलाड़ियों की मौत का कारण बन रहा है। पंजाब के गाँव-गाँव में खेला जाने वाला यह पारंपरिक खेल अब पैसे, पावर और अपराध की स्याह दुनिया में फँस चुका है। पिछले तीन सालों में इस खेल से जुड़े 10 खिलाड़ियों की हत्या हो चुकी है, और इन हत्याओं के पीछे गैंगस्टर नेटवर्क की परछाई साफ दिखती है।
इस सिलसिले की शुरुआत साल 2020 में कपूरथला से हुई थी, जब खिलाड़ी अरविंदरजीत सिंह पड्डा की हत्या हुई। इसके बाद 2022 में शाहकोट (जालंधर) में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया को मैच के दौरान गोलियों से छलनी कर दिया गया।
हाल ही में लुधियाना में एक के बाद एक दो खिलाड़ियों की हत्या ने पूरे खेल जगत को हिला दिया।
31 अक्तूबर 2025: खिलाड़ी तेजपाल सिंह की गोली मारकर हत्या।
4 नवंबर 2025: खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की हत्या, जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली।
कबड्डी की लोकप्रियता के साथ-साथ इसका गैंगस्टर कनेक्शन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुका है।
कनाडा, यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में एनआरआई द्वारा आयोजित कबड्डी टूर्नामेंट में करोड़ों रुपये के इनाम रखे जाते हैं, लेकिन इन्हीं में अब माफिया और गैंग्स का दखल बढ़ गया है।
कनाडा के खिलाड़ी परविंदर सिंह के मुताबिक, “गैंग्स खिलाड़ियों पर दबाव डालते हैं कि वे उनके लीग में शामिल हों या मैच फिक्स करें। जो नहीं मानता, उसे धमकियाँ मिलती हैं।”
हाल ही में अमेरिका और कनाडा में आयोजित ‘जग्गू भगवानपुरिया कप’ को भी गैंगस्टरों की धमकी के बाद रद्द करना पड़ा।
करीब छह साल पहले कबड्डी फेडरेशन ने पंजाब के डीजीपी को एक लिखित शिकायत दी थी कि जग्गू भगवानपुरिया गैंग खिलाड़ियों को धमका रहा है और जेल से अपनी लीग चलवा रहा है।
फेडरेशन के अधिकारी सुरजन चट्ठा ने इस संबंध में रिपोर्ट एसएसपी कपूरथला को भेजी थी, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस ढिलाई का नतीजा यह हुआ कि गैंगस्टरों का प्रभाव बढ़ता गया। भगवानपुरिया की लीग पॉपुलर होती गई, और उसके विरोधी ग्रुप — कौशल चौधरी और बंबीहा गैंग — उससे टकरा गए।
2022 में संदीप नंगल अंबिया की हत्या इसी प्रतिद्वंद्विता का नतीजा बताई जाती है, जिसमें कनाडा और यूके में बैठे गैंगस्टरों ने साजिश रची थी।
पंजाब पुलिस की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, कबड्डी के खेल में ड्रग माफिया और गैंगस्टर गहराई से घुस चुके हैं।
वे लीग संचालन, मैच फिक्सिंग, और खिलाड़ियों की भर्ती जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
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