कानपुर: 17 राज्यों में ठगी, विदेश में नेटवर्क, 200 से ज्यादा FIR… पहली बार पकड़ा गया गैंग, आठवीं पास है मास्टरमाइंड
इस गैंग के तार देश के कई राज्यों में फैले हुए हैं. विदेशों में भी इनका नेटवर्क है. शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर भारी मुनाफे का लालच देकर ये ठग देशभर में अपना नेटवर्क फैलाए हुए थे. पकड़े गए चार अभियुक्त इंटरनेशनल लेवल पर ठगी गिरोह से जुड़े हुए हैं.
कानपुर पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जिसने शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच देकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की. हैरानी की बात यह है कि इस गैंग को आठवीं पास एक युवक चला रहा था. वह कुछ समय पहले भोपाल में बीजेपी के ओबीसी वर्ग का जिला अध्यक्ष था.
इस गैंग के तार देश के कई राज्यों में फैले हुए हैं. विदेशों में भी इनका नेटवर्क है. शेयर मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर भारी मुनाफे का लालच देकर ये ठग देशभर में अपना नेटवर्क फैलाए हुए थे. पकड़े गए चार अभियुक्त इंटरनेशनल लेवल पर ठगी गिरोह से जुड़े हुए हैं.
हाल ही में इन ठगों ने कानपुर के एक व्यापारी से टेलीग्राम पर संपर्क कर ट्रेडिंग के नाम पर पौने दो करोड़ रुपये ऐंठ लिए थे. ठगों ने व्यापारी को पैसा निवेश के नाम पर डबल-ट्रिपल करने का दावा किया था. व्यापारी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई तो इस शातिर गैंग का पर्दाफाश हो गया.
गौरतलब है कि ये गैंग देश के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुका है. देश भर में इस गैंग के ऊपर 200 से ज्यादा साइबर अपराध की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है, लेकिन पहली बार गैंग के सदस्य पकड़े गए हैं.
जानिए पूरी कहानी
दरअसल, कानपुर में सिविल लाइन के रहने वाले विनोद कुमार को कुछ दिनों पहले इन ठगों ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर शेयर में पैसा बढ़ाने का लालच दिया था. इन्होंने टेलीग्राम ग्रुप पर विनोद कुमार को जोड़ा और जिसमें गैंग के सदस्य पहले से ही जुड़े हुए थे, जो फर्जी सूचना ग्रुप पर देते थे कि बताए गए शेयर में पैसा लगाने से उनका पैसा दोगुना-तीन गुना हो गया.
ग्रुप में इतने लोगों के कमेंट देखकर विनोद भी जाल में फंस गए. उन्होंने धीरे-धीरे कर 1.78 करोड़ रुपये गैंग के कहने पर लगा दिए. लेकिन इसी बीच ठगों का अकाउंट ही बंद हो गया. उनके मोबाइल नंबर भी ऑफ आने लगे. जिसके बाद विनोद ने पुलिस से शिकायत की.
साइबर सेल ने जांच शुरू की तो पता चला इस गैंग को रोहित सोनी नाम का युवक जोकि भोपाल का रहने वाला है संचालित करता है. इसके बाद पुलिस ने सूचना कलेक्ट करना शुरू की तो मालूम हुआ कि इस गैंग के द्वारा 17 राज्यों में ढाई सौ से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया गया है. साथ ही गैंग के खिलाफ 238 रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी हैं. लेकिन यह पकड़े कभी नहीं गए.
कानपुर के डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव का कहना है यह गैंग बहुत ही शातिर है. पहली बार गिरफ्त में आया है. इसकी तलाश कई राज्यों के पुलिस को है. महाराष्ट्र पुलिस गैंग के पकड़े सदस्यों को लेने के लिए आ चुकी है. पकड़े गए अभियुक्तों में रोहित सोनी, अक्षय, मयंक मीणा आदि हैं. इनके पास से मोबाइल, लैपटॉप, राउटर, हार्ड डिस्क के साथ सफारी कार पुलिस ने बरामद किया है. ये लोग मध्य प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं