मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ भारत की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सराहना मिली है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ ने अपनी नई रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कामकाज को वैश्विक स्तर पर एक प्रभावशाली मॉडल बताया है। रिपोर्ट में भारत की कानूनी व्यवस्था और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी तंत्र को मजबूत और विश्वसनीय बताते हुए कहा गया है कि यह संपत्ति जब्ती और पुनर्वास के क्षेत्र में दुनिया के लिए उदाहरण है। साथ ही रिपोर्ट में कई उदाहरण भी दिए गए।
पेरिस मुख्यालय वाला एफएटीएफ विश्व स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण रोकने के मानक तय करता है। 340 पन्नों की एक रिपोर्ट में भारत के कानूनी ढांचे और ईडी की कार्रवाई का विशेष उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने वित्तीय अपराधों में हड़पी गई सार्वजनिक संपत्तियों को जब्त कर समाज के हित में उपयोग करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं। एफएटीएफ ने कहा कि भारत के उदाहरण अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा हैं।
रिपोर्ट में इन मामलों का जिक्र
रिपोर्ट में ईडी के कई मामलों का जिक्र किया गया है, जिनमें रोज वैली पोंजी घोटाले के पीड़ितों को संपत्ति लौटाने, अमेरिका से प्राप्त एक ड्रग्स तस्करी केस में 130 करोड़ रुपये के बिटकॉइन जब्त करने, और आंध्र प्रदेश पुलिस सीआईडी के साथ मिलकर एक निवेश धोखाधड़ी में 6,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां बहाल करने की मिसालें दी गई हैं। इन मामलों में ईडी की तेजी और पारदर्शिता को एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में खूब सराहा।
महाराष्ट्र के इस केस भी मिली सराहना
रिपोर्ट में ईडी के एक विशेष केस का जिक्र किया गया है, जो महाराष्ट्र के एक सहकारी बैंक में सार्वजनिक धन की हेराफेरी से जुड़ा है। ईडी ने इस मामले में 280 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां जब्त कीं और उनकी नीलामी से प्राप्त राशि पीड़ितों को लौटाई। एफएटीएफ ने इस उदाहरण को सामाजिक उपयोग वाली संपत्ति जब्ती का मॉडल बताया, क्योंकि जब्त जमीन को भारत में नए हवाई अड्डे के निर्माण स्थल के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
पीएमएलए कानून को बताया अहम
एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) और ईडी की कार्यप्रणाली ने अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वैल्यू-बेस्ड कॉन्फिस्केशन, प्रोविजनल अटैचमेंट और एजेंसियों के बीच समन्वय के क्षेत्र में अभूतपूर्व दक्षता दिखाई है। इस रिपोर्ट पर ईडी ने बयान में कहा कि भारत के योगदान को एफएटीएफ ने व्यापक रूप से सराहा है और इसे विश्वस्तरीय उदाहरण के रूप में मान्यता दी है।