Report: त्योहारी सीजन और ऑनलाइन लेनदेन ने बढ़ाई रफ्तार, सितंबर में क्रेडिट कार्ड से खर्च ₹2.17 लाख करोड़ पर

एसीएमआईआईएल की रिपोर्ट के अनुसार देश में क्रेडिट कार्ड से खर्च सितंबर में सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। त्योहारी सीजन में कुल खर्च ₹2.17 लाख करोड़ के स्तर पर रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि यह उछाल मुख्य रूप से ऑनलाइन लेनदेन में तेजी के कारण दर्ज हुआ।

देश में क्रेडिट कार्ड से खर्च सितंबर में सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। असित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड (एसीएमआईआईएल) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान कुल खर्च ₹2.17 लाख करोड़ के स्तर पर रहा। यह महीने-दर-महीने 13.4% और सालाना 23% की वृद्धि दर्शाता है। इससे कुल खर्च में करीब ₹25,500 करोड़ का इजाफा हुआ।
रिपोर्ट में बताया गया कि यह उछाल मुख्य रूप से ऑनलाइन लेनदेन में तेजी के कारण दर्ज हुआ। सितंबर में ऑनलाइन खर्च में 21.7% मासिक और 25.1% वार्षिक वृद्धि हुई, जबकि पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) ट्रांजैक्शन लगभग स्थिर रहे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समग्र कार्ड खर्च में वृद्धि का नेतृत्व चार प्रमुख बैंकों, एसबीआई कार्ड्स, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक ने किया। एसबीआई कार्ड्स ने मासिक आधार पर 22.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इससे खर्च में 75.6 अरब रुपये की वृद्धि हुई, जबकि आईसीआईसीआई बैंक ने मासिक आधार पर 21.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिससे खर्च में 74.3 अरब रुपये का योगदान हुआ। एक्सिस बैंक ने 19.7 प्रतिशत मासिक वृद्धि दर्ज की, जिसमें 42.8 अरब रुपये जुड़े, तथा एचडीएफसी बैंक ने 12.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की, जिसमें 67.1 अरब रुपये जुड़े। इन चार बैंकों ने मिलकर महीने के दौरान कुल व्यय में लगभग 260 अरब रुपये का योगदान दिया।
इसमें कहा गया है कि शीर्ष बैंकों में, इंडसइंड बैंक एकमात्र ऐसा ऋणदाता रहा जिसके मासिक खर्च में गिरावट देखी गई, जो मासिक आधार पर 13.5 प्रतिशत कम रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मजबूत प्रदर्शन को मुख्य रूप से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख प्लेटफार्मों पर ई-कॉमर्स त्यौहारी बिक्री से समर्थन मिला। यहां इन अग्रणी बैंकों ने प्रमुख भुगतान भागीदारों के रूप में काम किया, जिससे ऑनलाइन लेनदेन में तेजी आई।
इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे ऑनलाइन लेनदेन में तेजी आती गई, कुल खर्च में उनकी हिस्सेदारी 458 आधार अंकों की वृद्धि के साथ अगस्त 2025 में 61.9 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2025 में 66.5 प्रतिशत हो गई। इस बीच, इसी अवधि के दौरान पीओएस की हिस्सेदारी 38.1 प्रतिशत से घटकर 33.5 प्रतिशत हो गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ते रुझान, त्योहारी सीजन के ऑफर और कैशबैक योजनाओं के साथ, देश भर में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं।
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