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Balkalakaar 2025: फिर हो रहा ‘बालकलाकार’ कार्यक्रम का आयोजन; 1500 से अधिक वंचित बच्चे होंगे शामिल|

Balkalakaar 2025: फिर हो रहा ‘बालकलाकार’ कार्यक्रम का आयोजन; 1500 से अधिक वंचित बच्चे होंगे शामिल|
Balkalakaar 2025: फिर हो रहा ‘बालकलाकार’ कार्यक्रम का आयोजन; 1500 से अधिक वंचित बच्चे होंगे शामिल|

Balkalakaar 2025: दिल्ली आईआईटी की छात्र संस्था AIESEC की ओर से ‘बालकलाकार 2025’ का आयोजन किया जाएगा। इसमें दिल्ली-एनसीआर की एनजीओ से आए 1500 से अधिक बच्चे अपनी कला दिखाएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य वंचित बच्चों को आत्मविश्वास और सपनों को अभिव्यक्ति का मंच देना है।
Balkalakaar 2025: फिर हो रहा ‘बालकलाकार’ कार्यक्रम का आयोजन; 1500 से अधिक वंचित बच्चे होंगे शामिल|

विस्तार

AIESEC’s Balkalakaar 2025: दिल्ली आईआईटी की छात्र संस्था AIESEC इस साल फिर लेकर आ रही है ‘बालकलाकार 2025’, एक ऐसा कार्यक्रम जो वंचित बच्चों की कल्पना शक्ति और रचनात्मकता को मंच देता है। इस सामाजिक पहल का मकसद उन बच्चों को मौका देना है जो अपने सपनों और विचारों को रंगों के जरिए व्यक्त करना चाहते हैं। कार्यक्रम की थीम इस बार “Painting Dreams, Empowering Futures” रखी गई है। अमर उजाला इस कार्यक्रम में मीडिया सहयोगी की भूमिका निभा रहा है।

1500 से अधिक बच्चे होंगे शामिल

इसके तहत दिल्ली-एनसीआर की कई एनजीओ से आने वाले 1500 से अधिक बच्चे हिस्सा लेंगे। साथ ही 300 से ज्यादा वॉलंटियर्स इस आयोजन में सहयोग करेंगे। आयोजकों के मुताबिक, इस साल बालकलाकार पहले से बड़ा और ज्यादा प्रेरक होने जा रहा है। यह कार्यक्रम आत्मविश्वास जगाता है, भावनात्मक कल्याण को पोषित करता है और प्रत्येक प्रतिभागी को याद दिलाता है कि उनके सपने मायने रखते हैं।

बच्चों सपनों को आगे बढ़ाने की कोशिश 

बालकलाकार सिर्फ एक आर्ट प्रतियोगिता नहीं, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और सपनों को आगे बढ़ाने की कोशिश है। जिन बच्चों को अपने विचार सामने रखने का मौका नहीं मिल पाता, वे यहां रंगों, ब्रश और कल्पना के जरिए अपनी बात कह पाते हैं। आयोजकों का मानना है कि कला बच्चों में आत्मविश्वास और भावनात्मक मजबूती लाती है।

आयोजन के दौरान बच्चों के लिए कई तरह की रचनात्मक कार्यशालाएं, संवाद सत्र और लाइव प्रस्तुतियां भी होंगी। इन गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों में जिज्ञासा और सीखने की भावना बढ़ाना है, ताकि वे सिर्फ प्रतिभागी नहीं, बल्कि अपनी कहानियों के सृजनकर्ता बन सकें।

AIESEC ने बताया कि यह कार्यक्रम कई वॉलंटियर्स, कॉर्पोरेट पार्टनरों और एनजीओ के सहयोग से किया जा रहा है। संस्था का कहना है कि बालकलाकार AIESEC के उस मिशन का हिस्सा है, जिसमें सामाजिक प्रभाव और सांस्कृतिक समझ के जरिए नेतृत्व क्षमता विकसित की जाती है।

विजेताओं को मिलेंगे छात्रवृत्ति और मेंटरशिप के अवसर

कार्यक्रम के बाद भी बच्चों के लिए सीखने और आगे बढ़ने के मौके जारी रहेंगे। विजेताओं को छात्रवृत्ति और मेंटरशिप के अवसर दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी कला और शिक्षा को आगे बढ़ा सकें। संस्था का मानना है कि इस तरह यह पहल अवसर और संभावनाओं के बीच पुल का काम कर रही है। AIESEC ने कहा कि वे चाहते हैं समाज का हर वर्ग इस प्रयास में जुड़कर उन बच्चों के सपनों को नई उड़ान दे। क्योंकि, “बालकलाकार में हर रंग एक उम्मीद है, हर चित्र एक कहानी और हर मुस्कान एक प्रेरणा।”

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Author: ILMA NEWSINDIA

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