सूर्यदेव आठ जून तक रोहिणी नक्षत्र में ही रहेंगे लेकिन नौतपा के शुरुआती नौ दिन सबसे ज्यादा असर डालते हैं। सूर्य देव आठ जून के बाद मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो वे पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं। उनकी किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं, जिससे धरती के तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है और इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है।
इस दौरान भगवान सूर्य की उपासना और कुछ खास सावधानियां बरतने से समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि यदि नौतपा के नौ दिनों में तेज गर्मी पड़ती है तो यह मानसून में अच्छी बारिश का संकेत होता है। दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि पंचांगों के अनुसार लगभग 80 साल के बाद इस बार नौतपा में सबसे अधिक गर्मी पड़ने की संभावनाएं हैं।
तापमान दो डिग्री नीचे गिरा, बादलों ने बढ़ाई उमस
हल्के बादल और पछुआ हवाओं ने एक ही दिन में बनारस का तापमान 2 डिग्री तक नीचे गिरा दिया है। लेकिन, आसमान में 600 से 1000 मीटर ऊंचाई पर उड़ रहे बादलों ने जमीन पर उमस काफी बढ़ा दी। सुबह से शाम तक उमस भरी गर्मी का एहसास होता रहा।
बुधवार को शहर का तापमान भले ही सामान्य से 2.5 डिग्री नीचे गिरकर 38.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हो, लेकिन वास्तविक गर्मी इससे काफी ज्यादा थी। हवा अधिकतम 26 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बही, जिससे दोपहर में लू जैसी पीड़ा हुई। शहर का न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री ज्यादा 28.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है।
अगले छह दिन बारिश का पूर्वानुमान : मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज से अगले 6-7 दिनों तक बनारस में बारिश होने का पूर्वानुमान है। निचले क्षोभमंडल में पंजाब से बांग्लादेश तक एक सिस्टम बना हुआ है। 40 किमी प्रति घंटे या इससे भी तेज नम पुरवा हवा चलने से पूरे प्रदेश में बारिश जैसी स्थिति बनी हुई है।