शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक और एआई की सहभागिता ला सकती है क्रांति – डॉ.पुष्पेंद्र सिंह

शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक और एआई की सहभागिता ला सकती है क्रांति – डॉ.पुष्पेंद्र सिंह
शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक और एआई की सहभागिता ला सकती है क्रांति – डॉ.पुष्पेंद्र सिंह

केंद्रीय हिंदी संस्थान, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के बैनरतले कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में शिक्षा पर आगरा के अटल बिहारी वाजपेई अंतरराष्ट्रीय सभागार में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के निदेशक प्रोफेसर सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने की। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर राजेंद्र कुमार अनायत पूर्व कुलपति दीनबंधु छोटू लाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हरियाणा मौजूद रहे। राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतवर्ष से पच्चीस शिक्षाविदों का चयन किया गया। जिसमें जनपद संविलियन विद्यालय समामई के सहायक अध्यापक डॉ. पुष्पेंद्र सिंह का चयन आलेख वाचन के रूप में किया गया। डॉ पुष्पेंद्र सिंह शिक्षा में मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहभागिता का संतुलन शीर्षक पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि एआई की सहभागिता शिक्षा में एक नया युग लेकर आई है, जिसमें संभावनाएं और चुनौतियां दोनों शामिल हैं। एआई ने शिक्षा को अधिक व्यक्तिगत, प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाया है। लेकिन इसके साथ ही नैतिक, सामाजिक और तकनीकी चुनौतियां भी पैदा हुई हैं। यदि इन चुनौतियों को सही ढंग से निदान किया जाए तो मानव और एआई की सहभागिता शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई जा सकती है। डॉ. पुष्पेंद्र सिंह का आलेख राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होने पर उन्हें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हाथरस स्वाती भारती, डीसी प्रशिक्षण अशोक चैधरी, वरिष्ठ प्रवक्ता डाइट विश्वनाथ प्रताप सिंह, डॉ. राजेश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया आदि ने बधाई दी।

Sunil Kumar
Author: Sunil Kumar

SASNI, HATHRAS

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