अलीगढ़ की पुलिस का हाल: 15 मील की सड़कें, आठ चौराहे, वर्दी वाला एक भी नहीं, पुलिस चौकियां पड़ीं सूनी
यदि आप पुलिस के भरोसे रात की नींद ले रहे हैं या फिर इस उम्मीद के साथ सड़क पर निकले हैं कि रास्ते में कोई अप्रिय घटना हुई और पुलिस सहायता करेगी तो भूल जाइए । 4 जनवरी रात रियल्टी चेक करने निकली ” अमर उजाला ” की टीम…
1 जनवरी को पड़ोसी जनपद हाथरस से जिओ फाइबर के मैनेजर को अगवा किया गया। 4 जनवरी को रामघाट रोड पर अतरौली और हरदुआगंज में पेट्रोल पंप लूट लिए गए। ठंड में चोरी की तो अनगिनत वारदातें हो रही हैं, लेकिन पुलिस कि नींद फिर भी नहीं टूट रही। 4 जनवरी की रात को जब अमर उजाला की टीम पुलिस की मुस्तैदी देखने निकली तो 24 किलोमीटर के दायरे में हम लोग घूमे मगर कहीं पुलिस वाले नजर नहीं आए।
यदि आप पुलिस के भरोसे रात की नींद ले रहे हैं या फिर इस उम्मीद के साथ सड़क पर निकले हैं कि रास्ते में कोई अप्रिय घटना हुई और पुलिस सहायता करेगी तो भूल जाइए । 4 जनवरी रात रियल्टी चेक करने निकली ” अमर उजाला ” की टीम ने शहर भर में घूमकर चौराहों पर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत परखी तो पुलिस नदारद नजर आई । शहर में आए दिन चोरी, लूट, की वारदात हो रही है, जिससे पुलिस की चौकसी पर सवाल उठने लगे हैं। जिले में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं के बावजूद शहर की सुरक्षा भगवान के ही भरोसे है। रात में पुलिस की गस्त नहीं हो रही है। पुलिस की सुस्ती अब भी दूर नहीं हो रही है। शहर के अलावा जीटी रोड व हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत जानने का प्रयास किया तो अधिकतर पुलिस चौकियां सूनी मिलीं। सुरक्षा के तमाम दावे खोखले ही नजर आए ।
हालांकि शहर के बजाए हाईवे पर कड़ाके की सर्दी के बाद भी पुलिस पिकेट व यूपी 112 पीआरवी मुस्तैद नजर आईं । देर रात को शहर क्षेत्र और उसके आसपास के हाईवे पर ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से सबसे बड़ी समस्या देखने में आई कि अधिकांश स्थानों पर रोड लाइट्स की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंधेरा छाया रहता है । ऐसे में अपराधियों के लिए वारदात कर फरार होना आसान रहता है। हाईवे पर अंधेरे से सड़क दुर्घटनाओं का भी खतरा बना रहता है। यहां तैनात पुलिसकर्मी आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रख रहे थे। संदिग्ध वाहनों की रोककर तलाशी भी ले रहे हैं, लेकिन शहरी इलाकों में पुलिस व्यवस्था लचर नजर आई।
यह भी व्यस्त चौराहा है। यहां से भी कई शहरों को ट्रैफिक जाता है। मगर पुलिस कर्मी यहां भी कोई नजर नहीं आए। यह स्थिति तब है जब इस इलाके में पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी हैं। मगर पुलिस की नींद फिर भी नहीं टूट रही।
दुबे पड़ाव चौराहा
रात-2:30 बजे
यह बीच शहर का प्रमुख चौराहा है। चारों तरफ बाजार है। मुहल्ले भी हैं। लेकिन यहां भी कोई पुलिस कर्मी नजर नहीं आया। जबकि इस क्षेत्र में पिछले दिनों कई वारदातें हो चुकी हैं।
गांधी पार्क चौराहा
रात: 2:50 बजे
इस चौराहे पर पुलिस का चेकिंग प्वाइंट बना है। यूं तो रात की ड्यूटी चेक करने के लिए पुलिस अधिकारियों कोे भी लगाया गया है लेकिन इस प्वाइंट पर न तो पुलिस वाले ही दिखे और न ही ड्यूटी चेक करने वाले।
यहां भी नहीं मिली मुस्तैदी