राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अजहरुद्दीन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन कभी राष्ट्रीय टीम की कमान संभालते थे और अब वह तेलंगाना सरकार का हिस्सा बन गए हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जुबली हिल्स सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे अजहरुद्दीन
शपथ ग्रहण के मौके पर मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे। अजहरुद्दीन के शामिल होने के साथ मंत्रिमंडल में अब कुल 16 सदस्य हो गए हैं, जबकि दो और पद खाली हैं। विधानसभा के आकार के अनुसार तेलंगाना में अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। अजहरुद्दीन को अगस्त के अंतिम सप्ताह में राज्यपाल कोटे के तहत विधान परिषद का सदस्य नामित किया गया था, हालांकि राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अभी इस पर अंतिम स्वीकृति नहीं दी है। अजहरुद्दीन ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जुबली हिल्स सीट से उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
अजहरुद्दीन का राजनीति करियर
अजहरुद्दीन ने साल 2009 में राजनीति में कदम रखा था। कांग्रेस ने उन्हें युपी के मुरादाबाद सीट से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था। वह पार्टी के उम्मीदों पर खरे उतरे और चुनाव जीता, लेकिन इसके बाद 2014 और 2023 के चुनाव में उन्हें हार मिली थी। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से टिकट दिया, जहां उन्हें हार मिली। इसके बाद वह 2018 में तेलंगाना कांग्रेस प्रदेश कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए। फिर उन्होंने तेलंगाना की जुब्ली हिल्स विधानसभा से चुनावा लड़ा, लेकिन वे बीआरएस उम्मीदवार मगंती गोपीनाथ से 16,337 वोट से हार गए थे। बीआरएस उम्मीदवार को 80,549 और अजहरुद्दीन को 64,212 वोट मिले थे। अब हालांकि, अब वह तेलंगाना सरकार का हिस्सा बन गए हैं।
भारत के सफल कप्तानों में होती है गिनती
अजहरुद्दीन की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में होती है। अजहरुद्दीन के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 99 टेस्ट मैचों में 6215 रन बनाए हैं जिसमें 22 शतक और 21 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, वनडे में अजहरुद्दीन ने 334 मैचों में 9378 रन बनाए जिसमें सात छक्के और 58 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में कप्तान के तौर पर उन्होंने 47 मैचों में टीम की कमान संभाली, जबकि वनडे में 174 मैचों में कप्तानी की। कलाई के जादूगर के नाम से विख्यात अजहर का करियर मैच फिक्सिंग कांड से बर्बाद हुआ। साल 2000 में बीसीसीआई ने उन पर आजीवन बैन लगाया था।