सेंट्रल मार्केट विवाद: अनदेखी से नाराज व्यापारी धरने पर अड़े, महिलाओं ने भाजपा नेताओं को सुनाई खूब खरी-खोटी|

मेरठ के सेंट्रल मार्केट 661/6 कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण से प्रभावित व्यापारी अनदेखी से नाराज़ हैं। महिलाओं ने धरना स्थल पर जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा और वादाखिलाफी के आरोप लगाए।
मेरठ के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के 661/6 कॉम्प्लेक्स के 22 व्यापारी ध्वस्तीकरण के बाद अब पूरी तरह परेशान हैं। उनका कहना है कि पांच दिन बीत जाने के बावजूद उन्हें न किसी ने सांत्वना दी और न ही राहत देने की बात की। गुरुवार को व्यापारियों ने बैठक की और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर कड़ा रोष जताया। धरने पर महिलाएं भी पहुंची थी। वहीं दोपहर को जब भाजपा नेता विनीत अग्रवाल शारदा ने धरनास्थल पहुंचकर पीड़ितों का हाल जानना चाहा तो महिलाएं बिफर गईं।
सब कुछ खत्म हो गया- किसके भरोसे जियें?
शुक्रवार को धरनास्थल पर भाजपा नेता के सामने जब महिलाओं ने अपनी बात रखनी शुरू की, तो उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने कहा कि बाजार बंद होने पर तो सभी नेता आए, लेकिन जब दुकानें जमींदोज हो गईं, तब कोई साथ खड़े होने नहीं आया।
महिलाओं ने अपनी पीड़ा बताते हुए भाजपा नेताओं को खूब खरी खोटी सुनाई। कहा कि आपका सब कुछ खत्म हो गया है, हम आज सड़क पर खड़े हैं। हमने कहां कहां हाथ नहीं जोड़े, किससे मदद नहीं मांगी लेकिन तब कोई पूछने नहीं आया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 25 अक्टूबर को 661/6 कॉम्प्लेक्स को अवैध निर्माण मानते हुए दो दिन तक लगातार कार्रवाई में ध्वस्त कर दिया गया। आवास एवं विकास परिषद की ओर से 31 अन्य भूखंडों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नेताओं के आश्वासन पर सवाल
मामले में मंगलवार को सांसद अरुण गोविल, कैंट विधायक अमित अग्रवाल और महापौर हरिकांत अहलूवालिया धरनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने ध्वस्तीकरण रोकने का दावा कर दुकानों के शटर उठवाए। लेकिन व्यापारी कहते हैं कि ‘वादा किया, पर राहत न दी।’
सोशल मीडिया पर छलका दर्द
व्यापारियों ने सोशल मीडिया पर लिखा-हमारा सब कुछ छिन गया और हमसे कहा जा रहा है कि धैर्य रखो। कुछ ने तंज कसते हुए कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना को भारत रत्न मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ‘केवल एक बिल्डिंग अवैध बताकर 22 परिवारों को सड़क पर ला दिया।
क्या है कानूनी स्थिति
अधिवक्ता तुषार जैन का कहना है कि यदि स्थानीय स्तर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत कोई निर्णय लिया गया है, तो वह अवमानना के दायरे में आएगा।
मुआवजे की मांग
व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष जीतू सिंह नागपाल ने डीएम को ज्ञापन देकर प्रत्येक व्यापारी को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वह दोबारा अपना व्यापार खड़ा कर सकें।
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