ऑटो ड्राइवर की डॉक्टर बिटिया! छोटे भाई की मौत का गम, NEET में 4 बार फेल होकर भी डटी रही
NEET UG Success Story: कई साल पहले रूबी प्रजापति के छोटे भाई की मौत हो गई थी. वह बीमार था, उसकी मां को ऐसा लगता है कि अगर उसे अच्छा इलाज मिला होता तो शायद वह बच जाता. उसका परिवार गरीब था, इसलिए उसे बेहतर इलाज नहीं मिला. लिहाजा अपनी बिटिया को डॉक्टर बनने की सबसे पहले रूबी प्रजापति के मां ने ठानी थी.
NEET UG Success Story Ruby Prajapati: दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल वर्धमान मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली रूबी प्रजापति के पिता ऑटो चलते हैं. रूबी प्रजापति की कहानी एक बेहद प्रेरणादायक है, क्योंकि एक गरीब परिवार से आने वाली रूबी प्रजापति ने न सिर्फ अपने माता-पिता के सपनों को पूरा किया बल्कि यह दिखा दिया की जीवन में चाहे जितने भी मुश्किलें हो अगर इंसान के अंदर हौसला हो तो वह मंजिल कर के रहता है.
पिता के दोस्त ने उठाया NEET यूजी की कोचिंग का खर्च
रूबी प्रजापति के घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है. उसने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में की लेकिन NEET यूजी के पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता के पास कोचिंग में दाखिला के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में रूबी के पिता के एक मित्र ने इसके 1 साल के कोचिंग का खर्च उठाया. उसके बाद रूबी प्राइवेट कोचिंग से नीट की परीक्षा को पास कर आज देश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक सफदरजंग अस्पताल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं.
छोटे भाई की मौत और खुद भी बीमार… कम नहीं थी डॉक्टर बनने की वजह
रूबी प्रजापति के डॉक्टर बनने का कई कारण हैं. दरअसल 9 साल पहले रूबी प्रजापति के छोटे भाई की मौत हो गई थी. वह बीमार था, उसकी मां को ऐसा लगता है कि अगर उसे अच्छा इलाज मिला होता तो शायद वह बच जाता. उसका परिवार गरीब था, इसलिए उसे बेहतर इलाज नहीं मिला. लिहाजा अपनी बिटिया को डॉक्टर बनने की सबसे पहले रूबी प्रजापति के मां ने ठानी थी. उसकी मां ने अपनी बेटी से कहा कि तुम जी जान लगा कर पढ़ाई करो पूरा परिवार तुम्हें पूरा सपोर्ट करेगा, लेकिन डॉक्टर बनने के बाद कोई गरीब अगर तुमसे मदद मांगे तो उसकी मदद जरूर करना. साथ ही साथ रूबी प्रजापति अपने गांव में अच्छे मेडिकल सुविधा हो इसके लिए भी वह डॉक्टर बनना चाहती हैं.