यूपी में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अलर्ट, कप्तानों को मिली घर सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी
यूपी के बरेली में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। महिलाओं को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी कप्तानों को मिली है। सीसीटीवी और लाइट वाली जगहों पर ड्रॉप प्वाइंट बने।
कोलकाता कांड के बाद शासन की प्राथमिकता के आधार पर बरेली में एडीजी रमित शर्मा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है। जोन के सभी कप्तानों को उन्होंने महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में जोन के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी किए हैं। रात में महिलाओं के आने-जाने के रास्ते, इमरजेंसी सेवाएं, सिक्योरिटी ऑडिट, महिला हेल्पलाइन को अलर्ट मोड पर रखें।
महिला अपराधों से जुड़े हॉट स्पॉट चिह्नित कर पेट्रोलिंग कराएं। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनसे बातचीत करें। नाइट ड्यूटी करने या रात में आने-जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सम्बंधित कैब या गाड़ी चालक की जांच पड़ताल करें। सम्बंधित थाना और चौकी उनके संपर्क में रहें। रात में कामकाजी महिलाओं या किसी वजह से लेट होने वाली युवतियों, छात्राओं को जरूरत पड़ने पर पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट कर घर तक पहुंचाएं। इसमें यूपी 112 की मदद ले सकते हैं।
कोलकाता कांड के बाद शासन की प्राथमिकता के आधार पर बरेली में एडीजी रमित शर्मा ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है। जोन के सभी कप्तानों को उन्होंने महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। एडीजी रमित शर्मा ने बताया कि सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में जोन के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी किए हैं। रात में महिलाओं के आने-जाने के रास्ते, इमरजेंसी सेवाएं, सिक्योरिटी ऑडिट, महिला हेल्पलाइन को अलर्ट मोड पर रखें।
महिला अपराधों से जुड़े हॉट स्पॉट चिह्नित कर पेट्रोलिंग कराएं। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनसे बातचीत करें। नाइट ड्यूटी करने या रात में आने-जाने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सम्बंधित कैब या गाड़ी चालक की जांच पड़ताल करें। सम्बंधित थाना और चौकी उनके संपर्क में रहें। रात में कामकाजी महिलाओं या किसी वजह से लेट होने वाली युवतियों, छात्राओं को जरूरत पड़ने पर पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट कर घर तक पहुंचाएं। इसमें यूपी 112 की मदद ले सकते हैं।
एडीजी ने कहा है कि कार्यस्थल पर सुरक्षा इंतजाम परखे जाएं। महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने संबंधी गाइडलाइन का पालन कराएं। अगर महिलाओं से शारीरिक संपर्क, यौन उत्पीड़न और लिंग सम्बंधी टिप्पणी के मामलों आएं तो उन्हें गंभीरता से लेकर कार्रवाई करें। अश्लील सामग्री दिखाना और किसी भी तरह के शारीरिक, मौखिक यौन संबंधों के प्रयास की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करें। महिलाओं को जोखिम भरे कार्यों में न लगाया जाए।
सीसीटीवी कैमरे और लाइट वाले स्थानों पर ही परिवहन निगम की बसों, प्राइवेट टैक्सी और अन्य वाहनों के ड्रॉप प्वाइंट बनाए जाएं। सीओ और इंस्पेक्टर महिलाओं के कार्य वाले कॉल सेन्टर, स्वास्थ्य संस्थानों, रेलवे बस स्टेशन की सूची बना चिह्नित करें।