लोकसभा चुनाव 2024: मुलायम सिंह यादव की पोती अदिति की राजनीति में एंट्री की तैयारी, मां डिंपल से सीख रहीं गुर
लोकसभा चुनाव 2024 में मुलायम सिंह यादव के परिवार से एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री के लिए नींव मजबूत की जा रही है। हम बात कर रहे हैं अखिलेश और डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव की। 22 वर्षीय अदिति इन दिनों अपनी मां डिंपल यादव के साथ चुनाव प्रचार में खूब नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं वे अपनी मां को इतनी गंभीरता से सुनती हैं जिससे माना जा रहा है कि कहीं न कहीं वे राजनीति की शिक्षा ले रही हों
यूं तो सैफई परिवार की तीन पीढ़ियां सियासत की ऊंचाइयां छू चुकी हैं, लेकिन अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव भी राजनीति का ककहरा सीख रही हैं। सोमवार को कुसमरा में आयोजित सम्मेलन में वे कार्यकर्ताओं के बीच नजर आईं। मां डिंपल यादव के हर शब्द को वे गौर से सुनती और समझती रहीं।
सैफई परिवार से मुलायम सिंह यादव ने सियासत में कदम रखा था। इसके बाद भाई शिवपाल सिंह यादव और प्रो.रामगोपाल यादव भी राजनीति में आए। फिर नंबर आया दूसरी पीढ़ी यानी बेटे अखिलेश यादव और भतीजे धर्मेंद्र यादव का। इसके बाद बहू डिंपल यादव भी राजनीति में उतर आईं। तीसरी पीढ़ी के रूप में मुलायम सिंह के पोते तेजप्रताप यादव ने मैनपुरी से 2014 के लोकसभा उप चुनाव में जीत हासिल कर संसद की सीढ़ी चढ़ी। इसके बाद लगभग एक दशक से सैफई परिवार के किसी नए सदस्य ने सियासत में कदम नहीं रखा है। लेकिन अब सैफई परिवार का एक नया सदस्य सियासत का ककहरा सीख रहा है।
हम बात कर रहे हैं सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव की। 22 वर्ष की अदिति सोमवार को कुसमरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में नजर आईं। वे अपनी मां डिंपल यादव के साथ ही यहां पहुंचीं थीं। यहां मां डिंपल यादव ने जब कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो वह बड़ गौर से एक-एक शब्द सुनती नजर आईं। वहीं कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वार्ता के दौरान भी अदिति बारीकी से सब कुछ सीखतीं नजर आईं। ऐसे में कहीं न कहीं इसे अदिति की राजनीति में कदम रखने से पहले की तैयारी माना जा रहा है।
मंच पर नहीं कार्यकर्ताओं के बीच बनाई जगह
कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचीं अदिति यादव चाहतीं तो मंच पर मां डिंपल यादव के साथ भी बैठ सकती थीं। लेकिन उन्होंने अपनी जगह नीचे कार्यकर्ताओं के बीच बनाई। कुछ महिला कार्यकर्ताओं के बीच वे सादगी से बैठीं नजर आईं। या यूं कहें कि कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर वे उनसे जुड़ने की कोशिश करती नजर आईं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन लोगों के बीच अदिति यादव के राजनीति में आने की चर्चाओं ने जोर जरूर पकड़ लिया है।