Planet News India

Latest News in Hindi

खरमास में किया गया जप,तप कई गुना फलदाई – स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज

ग्रहों के राजा सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है, जो कि सूर्य के मकर राशि में आने के साथ समाप्त होता है। एक माह की अवधि तक लगने वाले खरमास में मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार 16 दिसंबर शनिवार सांय 3:58 मिनट पर सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा और एक माह तक के लिए सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे, इसके बाद जब 15 जनवरी को मकर संक्रांति तक खरमास की अवधि रहेगी। स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने खरमास का महत्व बताते हुए कहा कि सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान वह अपने गुरु की सेवा में रहते हैं जिससे सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है,साथ ही सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है।शुभ कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के लिए इन दोनों ग्रहों का मजबूत होना जरूरी है,इस वजह से एक महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा।खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों जैसे पाणिग्रहण संस्कार,गृह प्रवेश,मुंडन,प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि शुभ कार्यों पर प्रतिबन्ध रहते हैं। लेकिन इस एक माह की अवधि में किया गया जप,तप से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।इस दौरान गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही खरमास की अवधि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।

Sunil Kumar
Author: Sunil Kumar

SASNI, HATHRAS

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *