दस बेटों के बराबर एक बेटी होती है- ब्रजवहादुर भारद्वाज
आज राही फाउंडेशन ने देश की आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के साथ पिछले डेढ़ दशक से समाज में जगह जगह पर ऊर्जा देने का काम किया है। देश में महिला शक्ति किसी पायदान पर पुरुषों से कम नही है, पहले लड़की के आगमन पर परिजन उसे टेंशन मान लेते थे। लेकिन में इसे टेंशन नहीं (TEN-SON) यानी दस बेटों के बराबर एक बेटी होती। जो एक परिवार नही दो परिवार और एक समाज को संभालने का काम करती है।
रविवार को यह विचार केएल जैन इंटर कॉलेज में राही फाउण्डेशन द्वारा लगाए गये ग्रीष्मकालीन निःशुल्क महिला प्रशिक्षण शिविर के समापन के दौरान मुख्यातिथि के रूप में मौजूद भाजापा के प्रदेश उपाध्यक्ष बृज बहादुर भारद्वार्ज ने प्रकट किए। शिविर का शुभारंभ मुख्यातिथि द्वारा मां सरस्वती के छबिचित्र के सामने दीप जलाकर एवं पुष्पअर्पित कर किया गया। कार्रक्रम समापन के दौरान करीब पौने दो सौ महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया। वहीं कार्यक्रम में मुख्यातिथि ने प्रशिक्षिकाओं को सम्मानित कर को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष ने राही फाउंडेशन के कार्य की प्रशंसा करते हुए प्रशिक्षण देने वाली प्रशिक्षिकाओं को विशेष धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर विकास शर्मा ने नारी शक्ति लिए राही फाउंडेशन के उठाये इस कदम के हमेशा साथ चलने का वादा किया। नगर अध्यक्ष पी.एन शर्मा ने बताया कि समाजसेवी संस्था राही फाउंडेशन विगत 2008 से लगातार सामाजिक कार्यों को करती आ रही है। विगत वर्ष की भांती इस वर्ष भी राही फाउण्डेशन निःशुल्क सिलाई कढ़ाई एंव ब्यूटीश्यिन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 20 मई से 20 जून तक किया गया इस पशिक्षण शिविर में 174 बालिकाओं व महिलाओं ने सिलाई कढ़ाई ब्यूटीशियन मेहंदी का प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों को गोद ले कर उन्हें आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना हो, बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य कैंप, गिरते जल स्तर की रोकथाम के लिए तालाबों को गोद ले उन्हें सुंदर बनाना हो, महिलाओं-बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन वितरण करना हो, महिलाओं को बिना गारंटी बिना ब्याज के लाखों रुपए लोन देना, गांव को गोद ले उसे आधुनिक गांव बनाना हो या महिलाओं के रोजगार के लिए रोजगार सिलाई केंद्र की स्थापना करना ऐसे और भी बहुत से कार्य हैं, जिनमें संस्था कार्य करती चली आ रही है। राही फाउंडेशन द्वारा ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में प्रति वर्ष ग्रीष्मकालीन निःशुल्क प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता है। जिससे अब तक हजारों महिलाएं, युवतियां तथा बालिकाएं सिलाई-कढ़ाई-मेहंदी-ब्यूटीशियन का हुनर प्राप्त स्वयं अपने कार्र करने स्वावलंबी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि इस बार राही फाउंडेशन के समर कैंप में 174 बालिकाओं व महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया है। सिलाई कढ़ाई ब्यूटीशियन मेहंदी आदि का प्रशिक्षण देने वाली श्रीमती रमा वाष्र्णेय, सुषमा गुप्ता, नीतू वाष्र्णेय, पूजा वाष्र्णेय, छाया शर्मा, मिट्ठन गुप्ता, कविता, रिंकी शर्मा, नीरज, सुनीता गुप्ता, हिमांशी गुप्ता, कु मीना, इन्दु दीक्षित, शुशबु चैहान, को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विजया आर्य, अध्यक्ष यतेंद्र शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, राकेश शर्मा, विनय कुमार, पंकज शर्मा, धर्मेन्द्र चैधरी, विपुल लुहाड़िया, अनुज भार्गव, लोकेश कांकरन, अरविंद तोमर, प्रकास शर्मा, प्रदीप उपाध्याय, विजय उपाध्याय, आशीष उपाध्यय, विवेक उपाध्याय, विपिन शर्मा, विकास शर्मा, बंटी शर्मा, सौरभ चक्रवर्ती, आदि का विशेष सहयोग रहा।