रियलिटी शो ‘बिग बॉस 19’ में हर दिन नए ट्विस्ट और टर्न्स देखने को मिल रहे हैं। कभी किसी दोस्ती का रिश्ता टूटता है तो कभी दुश्मनी की दीवार गिर जाती है। लेकिन इस पूरे हंगामे और स्ट्रैटेजी के बीच कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने हर टास्क में जी-जान लगा दी, फिर भी कप्तानी की कुर्सी उनसे कोसों दूर रही। हफ्ते दर हफ्ते बदलते समीकरणों में ये कंटेस्टेंट्स भले ही सुर्खियों में रहे हों, लेकिन अब तक कप्तान बनने का उनका सपना अधूरा ही रह गया है।
तान्या मित्तल
तान्या मित्तल इस सीजन की उन कंटेस्टेंट्स में गिनी जाती हैं जो हर टास्क में पूरी ताकत से उतरती हैं। शुरुआत से ही उन्होंने खुद को रणनीतिक और शांत दिमाग वाली खिलाड़ी के रूप में पेश किया। लेकिन जब-जब कप्तानी टास्क आया, उनके खिलाफ गुटबाजी ने उन्हें पीछे कर दिया। घर के भीतर तान्या की छवि एक सशक्त महिला की जरूर बनी है, पर कप्तानी की दौड़ में उन्हें हर बार वोटों की राजनीति ने बाहर कर दिया।
शहबाज बदेशा
शहबाज बदेशा ने शो में एंटरटेनमेंट का नया तड़का लगाया है। सलमान खान ने भी कई बार उनके ह्यूमर और स्मार्ट प्ले की तारीफ की है। लेकिन कप्तानी टास्क में उनकी हंसी-मजाक वाली इमेज ने उन्हें गंभीर खिलाड़ी की तरह नहीं दिखाया। दर्शकों और घरवालों के बीच शहबाज के लिए प्यार तो है, पर भरोसा नहीं कि वो जिम्मेदारी निभा पाएंगे। यही कारण है कि वो बार-बार कप्तान की रेस में पिछड़ जाते हैं।
गौरव खन्ना
गौरव खन्ना का गेम माइंड गेम्स पर आधारित है। वो हर चाल सोच-समझकर चलते हैं और कई बार दूसरों को पछाड़ भी देते हैं। लेकिन उनके खिलाफ यह भी कहा जाता है कि वो ओवर-कॉन्फिडेंट हो जाते हैं। कई टास्क में गौरव ने कप्तानी के करीब पहुंचकर भी आखिरी मोड़ पर हार का सामना किया। बिग बॉस के फैंस का मानना है कि अगर गौरव थोड़ा टीमवर्क पर ध्यान दें, तो वो आने वाले हफ्तों में कप्तान बन सकते हैं।
मालती चाहर
मालती चाहर का सफर अब तक शांत लेकिन स्थिर रहा है। वो किसी विवाद में नहीं पड़तीं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत भी है। मगर कप्तानी के लिए शोर और सपोर्ट दोनों चाहिए, जो उन्हें अब तक नहीं मिला। कई मौकों पर मालती ने टास्क में कमाल दिखाया, लेकिन गुटबंदी और घर के भीतर बनने वाले गठबंधन हर बार उनके खिलाफ साबित हुए।
नीलम गिरी
नीलम गिरी भी घर की ऐसी कंटेस्टेंट रही है जो अब तक कप्तानी तक नहीं पहुंच पाई हैं। नीलम के घर में दोस्त तो बहुत हैं लेकिन उन्हें कैप्टंसी तक पहुंचने के लिए किस्मत का जो साथ चाहिए वो अब तक नहीं मिल पाया है।
क्या इन कंटेस्टेंट्स को मिलेगा मौका?
अब सवाल यह है कि क्या आने वाले हफ्तों में इन पांचों में से कोई कप्तान बन पाएगा या नहीं। शो के अंदर के समीकरण बदलते रहते हैं और ‘बिग बॉस’ का घर कभी किसी का नहीं हुआ। जिस दिन इनमें से कोई एक सही समय पर सही चाल चल देगा, उस दिन कप्तानी की कुर्सी उनकी होगी।