Bihar: राहुल के बाद अब प्रियंका उतरेंगी चुनावी मैदान में, सर्जरी के बाद इतनी रैली करेंगे कांग्रेस अध्यक्ष खरगे|

कांग्रेस के तीनों दिग्गज मतलब राहुल गांधी प्रियंका और मल्लिकार्जुन खरगे मिलकर 20 से ज्यादा रैली करेंगे। इन रैलियों के जरिए कांग्रेस मतदाताओं के दिल तक पहुंचने की कोशिश करेगी और महागठबंधन के पक्ष में हवा बनाने का प्रयास करेगी। साथ ही कमजोर इलाकों में पार्टी के प्रति माहौल बनाने की कोशिश भी करेंगे।

छठ महापर्व के खत्म होने के साथ ही बिहार में सियासी दलों के चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बिहार में 12 से ज्यादा सभाएं होगी। जबकि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की छह और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की चार सभाएं होंगी। राहुल गांधी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। जबकि प्रियंका गांधी नवंबर से और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे 3 नवंबर से अपने प्रचार की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा पार्टी के अन्य बड़े चेहरे भी बिहार में प्रचार करते हुए नजर आएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अस्वस्थ होने के बावजूद बीमार में पार्टी के लिए प्रचार करते हुए नजर आएंगे। हाल ही में उनकी पेसमेकर लगाने की सर्जरी हुई है। खरगे 3 नवंबर को राजापाकर में प्रेस वार्ता करेंगे। इसके बाद वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राजधानी पटना में एक रिव्यू बैठक भी करेंगे। 4 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पटना में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे। 5 नवंबर को पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। 7 नवंबर को गया शहर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। 8 नवंबर को गया में एक प्रेस वार्ता को भी संबोधित करेंगे।
शुक्रवार दोपहर में दिल्ली में अपने आवास पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, उनकी व्यक्तिगत राय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं। इस दौरान खरगे ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस पर किए गए हमलों पर पलटवार किया। उन्होंने सरदार पटेल के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या (1948) के बाद आरएसएस की आलोचना की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा हमेशा यह दिखाने की कोशिश करती है कि नेहरू और पटेल के बीच मतभेद थे, जबकि हकीकत में दोनों एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। नेहरू ने पटेल की देश की एकता कायम करने में भूमिका की तारीफ की थी और पटेल ने नेहरू को देश का आदर्श नेता बताया था।
राहुल-तेजस्वी की जोड़ी ने भरी हुंकार
राहुल गांधी ने 29 अक्टूबर को बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की। मंच पर उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने एनडीए सरकार पर तीखे हमले किए और जनता से भ्रष्ट और सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने की अपील की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सकरा और दरभंगा की रैलियों ने चुनावी माहौल गरमा दिया है, जनता बदलाव चाहती है।”
गौरतलब है कि बिहार में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि गांधी परिवार की सक्रियता से मतदाताओं के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत होगी और गठबंधन को बढ़त मिलेगी।
