HongKong Open: लक्ष्य सेन हॉन्गकॉन्ग ओपन के क्वार्टर फाइनल में, सात्विक-चिराग भी अंतिम-आठ में पहुंचे

इस सत्र में चोटों और खराब फॉर्म से जूझ रहे लक्ष्य ने आखिरी बार मार्च में ऑल इंग्लैंड सुपर 1000 के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी और मकाऊ ओपन सुपर 300 में भी इसी चरण तक पहुंचे थे, लेकिन इसके अलावा उन्हें शुरुआती दौर में ही बाहर होना पड़ा था।
सात्विक और चिराग की आठवीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए थाईलैंड के पीराचाई सुकफुन और पक्कापोन तीरात्साकुल को 63 मिनट तक चले मुकाबले में 18-21, 21-15, 21-11 से हराया।
पुरुष एकल मैच में प्रणय अच्छी लय में दिखे और उन्होंने पहले गेम में आसानी से बढ़त बना ली तथा बिना किसी परेशानी के शुरुआत से अंत तक इसे बरकरार रखकर पहला गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में दोनों भारतीय खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। इस दौरान बढ़त बार-बार हाथ बदलती रही। जब स्कोर 18-18 से बराबर था तब प्रणय का स्मैश बाहर चला गया। लक्ष्य ने दो गेम प्वाइंट हासिल किए और मैच को निर्णायक गेम तक खींच दिया।
तीसरे और निर्णायक गेम में प्रणय ने फिर से 5-2 की बढ़त बना ली थी, लेकिन इसके बाद वह लगातार गलतियां करते रहे जिसके कारण वह 9-13 से पीछे हो गए। नेट शॉट की मदद से लक्ष्य ने 16-10 से बढत हासिल की।
प्रणय लगातार गलतियां करते रहे और लक्ष्य ने इसका पूरा फायदा उठाकर 10 मैच प्वाइंट हासिल कर लिए और प्रणय के एक और शॉट पर चूकने पर मैच अपने नाम कर लिया। पिछले महीने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले सात्विक और चिराग का अगला मुकाबला मलेशिया के जुनैदी आरिफ और रॉय किंग याप से होगा।
भारतीय जोड़ी की शुरुआत धीमी रही और पहले गेम में वह 8-11 से पीछे चल रही थीं। इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए स्कोर 18-18 कर लिया, लेकिन थाई जोड़ी ने आखिरी तीन अंक हासिल कर पहला गेम अपने नाम कर दिया।
सात्विक और चिराग ने दूसरे गेम में बेहतर खेल दिखाया। इस गेम के शुरू में हालांकि उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा तथा एक समय स्कोर 2-2 और फिर 7-7 से बराबर था। भारतीय जोड़ी ने इंटरवल तक 11-10 की बढ़त हासिल कर ली और लगातार बढ़त बनाते हुए मैच को निर्णायक गेम तक ले गई। तीसरा गेम एकतरफा रहा जिसमें सात्विक और चिराग ने 7-2 की बढ़त बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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