US: ट्रंप प्रशासन में अमेरिका से निर्वासित किए जाने का डर, पार्ट टाइम नौकरी छोड़ रहे भारतीय छात्र

डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से वीजा अस्वीकृति बढ़ी है और साथ ही अमेरिका में कार्यस्थलों पर अप्रवासियों की जांच और पूछताछ भी बढ़ गई है। यही वजह है कि अमेरिका में पढ़ाई करने की सोच रहे कई भारतीय छात्र अब फिर से अपने फैसले पर विचार करने को मजबूर हुए हैं।
वीजा की संख्या में आई गिरावट
पिछले एक साल में, भारतीय छात्रों को अमेरिका द्वारा जारी किए गए F-1 छात्र वीज़ा की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2024 तक 64,008 भारतीय छात्रों को वीजा दिया गया, जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान 1,03,495 वीजा जारी किए गए। इस तरह 2023 की तुलना में 2024 में भारतीय छात्रों को जारी किए गए वीजा में 38 प्रतिशत की गिरावट आई। भारतीय छात्र अमेरिका में सिकुड़ते जॉब मार्केट को लेकर भी चिंतित हैं। अमेरिकी कंपनियां अब स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दे रही हैं। अमेरिका आव्रजन प्रणाली भी अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दरकिनार कर रही है। अमेरिका में रह रहे कई भारतीय छात्रों ने अमेरिका के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की है और उनका कहना है कि अब उन्हें नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है और चीजें बेहद खराब हो गई हैं।
कार्यस्थल पर बढ़ी जांच
अमेरिका में पढ़ रहे कई भारतीय छात्रों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की बढ़ती जांच पर चिंता जाहिर की। उनका कहना है कि जांच एजेंसियों के लोग अब कार्यस्थलों पर आकर अप्रवासियों की जांच करते हैं और उनके पहचान पत्र और वैध दस्तावेज जांचते हैं। इससे अमेरिका में अपनी पढ़ाई और खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम नौकरी करने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ी है और जांच एजेंसियों के सख्त रुख के चलते वे नौकरी छोड़ रहे हैं।
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