संदल शरीफ के साथ हुआ उर्स का समापन


सासनी-नानऊ मार्ग आशा नगर स्थित में चल रहे चार रोजा शाह बिलाली के 29 वें उर्स मुबारक का सोमवार को संदल शरीफ जुलूस के साथा मुनाकिव हुआ।
बता दें कि सुल्तानुल आरफीन हजरत ख्वाजा सूफी हाफिज अलाउद्दीन हसन शाह बिलाली के 29 वें उर्स मुबारक बडी कामयाबी के साथ मुनाकिव कराने के लिए मिनजानिब सज्जादा गद्दी नशीन डा.इरशाद हसन बिलाली की सर परस्ती और इरफान अली की अध्यक्षता में उर्स इन्तजामिया कमेटी बनाई गई थी। उर्स मुबारक का आगाज चैबीस जनवरी दिन जुमे को हाथरस से पैदल चल कर लाई गई सरकारी चादर लेकर कस्बा में होते हुए बाबा के दीवाने दरगाह ए शाह बिलाली पर पहुंचे और चादरपोशी की रस्म अदा के साथ किया गया। रात में मीलाद-ए-शरीफ का प्रोग्राम हुआ अगले दिन महफिले समां में देश के मशहूर कब्बालों ने बाबा की शान में कब्बालियां पेश कर मुल्क और कौम की सलामती की दुआ की। मुजफ्फरनगर से आए मुईन निजामी और उनके हमनवां ने सुनाया -मेरी बात बन गई है तेरी बात करते-करते तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पढ़ते पढ़ते। इसके बाद अलीगढ़ के कब्बाल शमीम अनवर ने सुनाया कलियर के राजा जरा किरपा नजरिया दुखियों के राजा जरा कृपा नजरिया दुखियों पर डालना रे इसके बाद उस्मान जलाल हसन कव्वाल ने सुनाया -मैं हूं मांगता तेरा एक दाता है तू कब से बैठा हूं, तेरी अता के लिए सदका मौला अली का मुझे भीख दो हाथ फैले हुए हैं, दुआ के लिए। देश के मशहूर कव्वालों ने बाबा की शान में बेहतरीन एक से बढ़कर एक कव्वालियां पेश कीं। बाहर से आई सभी जारी न और बाबा के दीवानों ने सारी रात दिल थाम कर कव्वालियों का लुत्फ उठाया और सवाबे दारैन हासिल किया। इसके उपरांत सोमवार को सुबह डा. इरशाद हसन बिलाली की सर परस्ती में संदल शरीफ का प्रोग्राम हुआ।जो बाबा साहब बिल्ली की दरगाह शरीफ से शुरू हुआ और नानऊ रोड आशा नगर मोहल्ला कस्साबान होता हुआ नगर के मुख्य बाजार व मार्गों से गुजरते हुए शाह बिलाली की दरगाह शरीफ पर पहुंच कर संपन्न हुआ। स्थानीय प्रशासन व पुलिस व्यवस्था के साथ उर्स संपन्न कराने के लिए उर्स इंतजामिया कमेटी ने आभार व्यक्त किया है।