श्रीकृष्ण जन्म कथा में हुई विमान से पुष्प वर्षा

गांव भीमनगरिया में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ के दौरान कथा वाचक दीदी प्रियंका ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मकथा का रोचक वर्णन किया गया। इस दौरान उडनखटोला से पुष्प वर्षा की गई। जिससे गांव में भक्ति की लहर और तेजी से दौड गई।
मंगलवार को कथा के दौरान कथा वाचक ने सुनाया कि भगवान श्री कृष्ण का जब अवतरण हुआ तो कारागार के सभी पहरेदार सो गये और दरवाजों में लगे ताले स्वयं खुल गये। तब माया ने आकाशवाणी के माध्यम से कृष्ण को कंस से बचाने के लिए वासुदेव जी को रास्ता बताया और एक सूप की व्यवस्था की जिसमें पिता वासुदेव नन्हे कृष्ण को उसमें रखकर गोकुल के लिए चल दिए। तब मार्ग में तेज आंधी बरसात और बिजली कडकने लगी। मगर वासुदेव कृष्ण को लेकर चलने लगे और यमुना में पहुंचे तो यमुना जल स्तर और बढ गया और तभी शेषनाग ने अपना फन फैलाकर भगवान को बरसात में भीगने से बचाया और मां यमुना भगवान श्रीकृष्ण के पैर छूकर अपने स्तर को घटाते हुए वासुदेव को यमुना पार भेज दिया। जहां गोकुल में जाकर नंदबाबा के यहां कृष्ण को छोड दिया और वहां से कन्या को साथ ले आए। जैसे ही कन्या को लेकर कारागार पहुंचे वैसे ही कारागार के पहरेदार जाग गये और ताले स्वयं लटक गये। तब कंस को मां देवकी के संतान पैदा होने के बारे में पहरेदारों ने कंस को जानकारी दी। संतान उत्पत्ति की जानकारी होते ही कंस कारागार आया और देवकी से कन्या छीनकर उसे पत्थर पर पटकना चाहा तभी कन्या हाथ से छूट गई और कृष्ण के बारे में बता गई कि उसका काल पैदा हो चुका है। तब कंस ने बृज में सभी नवजात शिशुओं की अपने राक्षस सैनिकों द्वारा हत्या करा दी। इससे अपने पाप को और बढा लिया। इस दौरान सुग्रीव सिंह, विशंभर सिंह, के साथ तमाम भक्त मौजूद थे। कथा विश्राम के बाद प्रसाद वितरण किया गया।