Budget 2025: बजट 2025 में आयकर पर छूट देने का एलान या कैपेक्स पर रहेगा जोर? जानें रिपोर्ट से क्या पता चला

Budget 2025: बजट 2025 में आयकर पर छूट देने का एलान या कैपेक्स पर रहेगा जोर? जानें रिपोर्ट से क्या पता चला
Budget 2025: बजट 2025 में आयकर पर छूट देने का एलान या कैपेक्स पर रहेगा जोर? जानें रिपोर्ट से क्या पता चला

Union Budget 2025: आईसीआरए ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि आगामी बजट में सरकार व्यक्तिगत आयकरदाताओं को मामूली राहत तो दे सकती है, लेकिन इससे कर संग्रह पर असर पड़ने का खतरा नहीं है। वित्त वर्ष 2026 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। बजट से जुड़ी संभावनाओं पर रिपोर्ट क्या कहती है, आइए जानें।

बजट 2025 की तारीख नजदीक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट संसद में पेश करेंगी। इस बार के बजट में व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। आईसीआरए (इनवेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी) ने अपनी एक रिपोर्ट में भी यह दावा किया है।

मिल सकती है आयकर में मामूली राहत पर संग्रह में कमी की उम्मीद नहीं

आईसीआरए ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि आगामी बजट में सरकार व्यक्तिगत आयकरदाताओं को मामूली राहत तो दे सकती है, लेकिन इससे कर संग्रह पर असर पड़ने का खतरा नहीं है। वित्त वर्ष 2026 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। इस अनुमान का आधार आय और कॉरपोरेट कर राजस्व में इजाफा होना है। अप्रत्यक्ष करों में 9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया गया है। जीएसटी संग्रह में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सीमा शुल्क प्रवाह में मामूली 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाए जाने पर फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 में सकल कर राजस्व (जीटीआर) में समग्र वृद्धि 10 प्रतिशत के नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर के  पूर्वानुमान से थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है, जिसका मतलब है करों में बढ़ोतरी। रिपोर्ट में राजस्व घाटे पर भी बात कही गई है। वित्त वर्ष 2026 के दौरान राजकोषीय घाटे में 16 ट्रिलियन रुपये का इजाफा होने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 15.4 ट्रिलियन रुपये था।

राजकोषीय घाटे में कमी की उम्मीद

हालांकि, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में देखा जाए तो राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025 में 4.8 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “आईसीआरए राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों या केंद्र सरकार के ऋण/जीडीपी पर किसी बड़े मार्गदर्शन का इंतजार कर रहा है।” रिपोर्ट के अनुसार आंकड़ों पर सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के गठन के एलान का भी असर पड़ेगा।

आईसीआरए को वित्त वर्ष 2026 में लगभग 11 ट्रिलियन रुपये के पूंजीगत व्यय की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की बजट घोषणाओं के अनुसार ही है। यह राशि वित्त वर्ष 2025 में 9.7 ट्रिलियन रुपये के अपेक्षित व्यय से 12-13 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देकर सरकार विनिर्माण रोजगार सृजन और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है, ताकि वित्त वर्ष 2025 में शहरी खपत और निवेश गतिविधि में आई मंदी का मुकाबला किया जा सके।

रिपोर्ट में राजकोषीय घाटे को आकार देने और वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त जगह बनाने में गैर-कर राजस्व, विशेष रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लाभांश को महत्वपूर्ण बताया गया है।
आगामी बजट में राजकोषीय अनुशासन का पालन करते हुए आर्थिक विकास को प्राथमिकता दिए जाने का अनुमान है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में लंबे समय के लिए स्थिरता सुनिश्चित होगी। 

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Author: planetnewsindia

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