बुधवार को रात 1.18 बजे धमकी भरा ईमेल एएमयू के कुलपति, रजिस्ट्रार, पीआरओ, प्रॉक्टर समेत कुल 20 अधिकारियों को तिवारीश्रीजयंत नाम की प्रोटोन मेल आईडी से भेजा गया था। इसमें जिक्र था कि मैंने कुछ छात्रों से बात कर एएमयू कैंपस में बम रखवा दिए हैं। दो लाख रुपये नहीं देने पर विस्फोट की बात कही गई थी। साथ में उसने यूपीआई आईडी व मोबाइल नंबर भी भेजा था। जिस पर एसटी गैंग लिखा था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार नाबालिग हैकर ने राजस्थान के कोटा में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी करता था। इसी दौरान उसकी पहचान टेलीग्राम पर बंगलुरू के एक हैकर से हुई थी। जिसके जरिए उसने यूट्यूब से हैकिंग सीखी। पिछले दिनों रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। नाबालिग ने बताया है कि विवाद के बाद से वह उसके किसी भी तरह से संपर्क में नहीं है। हालांकि एक टेलीग्राम ग्रुप से अभी भी जुड़ा हुआ है। अंदेशा जताया है कि उसी गुरु ने उसके नाम व नंबर पर प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर से यह नंबर व आईडी बनाकर धमकी भरा मेल भेजा है। मगर, उसका कोई नंबर या पहचान उसके पास उपलब्ध नहीं है। नाबालिग से लगातार पूछताछ जारी है। अभी तक हुई पूछताछ में पता चला है कि वह धमकी भरा मेल भेजने वाले के बारे में जानता है।
एएमयू को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में देवरिया से पकड़े गए नाबालिग से कड़ी पूछताछ की गई है। नाबालिग द्वारा दिखाए गए साक्ष्यों से यह तय है कि वह हैकिंग में माहिर है। उसने बताया है कि उसके ग्रुप के किसी साथी ने उसे फंसाने की नीयत से उसके नाम से यह मेल एएमयू के अफसरों को भेजा है। मामले में नाबालिग व उसके साथी को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है।