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Cough Syrup: बिना डॉक्टर पर्ची दवा बेचने का मामला, चार साल की बच्ची की मौत पर मेडिकल स्टोर संचालक गिरफ्तार

Cough Syrup: बिना डॉक्टर पर्ची दवा बेचने का मामला, चार साल की बच्ची की मौत पर मेडिकल स्टोर संचालक गिरफ्तार
Cough Syrup: बिना डॉक्टर पर्ची दवा बेचने का मामला, चार साल की बच्ची की मौत पर मेडिकल स्टोर संचालक गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में चार वर्षीय मासूम अंबिका विश्वकर्मा की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जबलपुर फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में उस कोल्ड्रिफ सिरप (Batch No. SR–13) में मिलावट और जहरीले रसायनों की पुष्टि हुई है, जिसे बच्ची ने सेवन किया था। रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने आशीर्वाद मेडिकल स्टोर के संचालक अनिल कुमार मिश्रा और फार्मासिस्ट अशोक कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक इस केस में कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।Cough Syrup: बिना डॉक्टर पर्ची दवा बेचने का मामला, चार साल की बच्ची की मौत पर मेडिकल स्टोर संचालक गिरफ्तार

जांच में सामने आया कि सिरप बिना डॉक्टर की पर्ची के ही परिजनों को दे दिया गया था। यह न केवल औषधि अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर मासूम की जान से खिलवाड़ भी है। परिजनों के अनुसार, अंबिका को हल्का जुकाम था, इसलिए मोहल्ले के मेडिकल स्टोर से सिरप दिलाया गया था। दवा पीने के कुछ घंटे बाद ही बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में सिरप में हानिकारक रासायनिक तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इसके बाद औषधि निरीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक और फार्मासिस्ट दोनों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही, निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल के खिलाफ भी मिलावटी दवा बनाने और बेचने का अपराध दर्ज किया गया है।

कुण्डीपुरा थाना प्रभारी ने सख्त चेतावनी दी है कि बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाएं बेचने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यह घटना उन सभी के लिए सबक है जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

इस पूरे प्रकरण ने जिले में दवा की गुणवत्ता नियंत्रण और ओवर-द-काउंटर (OTC) बिक्री व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई मेडिकल स्टोर बिना योग्य फार्मासिस्ट के काम कर रहे हैं और बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं बेच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पर अब इस लापरवाही को रोकने की जिम्मेदारी बढ़ गई है।

परिजनों का दर्द अब भी ताजा है। उनका कहना है, “हमारी बच्ची तो अब कभी नहीं लौटेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि दोषियों को ऐसी सजा मिले कि दोबारा कोई भी बच्चे की जान से खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे।”

Shikha Bhardwaj
Author: Shikha Bhardwaj

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