आजमाए हुए सफल नुस्खों पर बीजेपी ने लगाया दांव, मोदी सरकार की छाप से पटा एनडीए का संकल्प पत्र
        

2019 के लोकसभा चुनाव में किसान सम्मान निधि और पीएम आवास योजना ने भाजपा को अभूतपूर्व सफलता दिलाई थी। इन्हीं योजनाओं के दम पर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने अकेले दम पर 303 सीटें हासिल करने का करिश्मा कर दिखाया था। अब इसी योजना के सहारे बिहार फतह करने की तैयारी है। एनडीए ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को 50 लाख नए पीएम आवास मकान देने का वादा किया है। अति पिछड़े और गरीब दलित लोगों के बीच इस योजना को लेकर जबरदस्त आकर्षण है। ऐसे में यह दांव गेम चेंजर साबित हो सकता है।
केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों को हर साल छः हजार रूपये की आर्थिक सहायता दे रही है। अब बिहार में किसानों को इसके अलावा 3000 रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसे बिहार के अति पिछड़े वर्गों के महान नेता कर्पूरी ठाकुर से जोड़ते हुए कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि का नाम दिया जाएगा। अति पिछड़ी जातियों के बीच यह एक भावनात्मक संदेश देने वाली योजना है।
मोदी-नीतीश दोनों को मिला महिला मतदाताओं का साथ
इसी तरह महिला मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी विशेष समर्थक वर्ग बनकर उभरी हैं। दोनों नेताओं ने अपने इस वर्ग को साधने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। केंद्र सरकार की योजना लखपति दीदी को अब बिहार में करोड़पति बना दिया गया है। यानी बिहार में एक करोड़ लखपति ड्रोन दीदियां बनाने का वादा किया गया है। केजी से पीजी तक की मुफ्त शिक्षा का वादा कर एनडीए ने महिलाओं और गरीबों को बड़ा उपहार देने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार 18 कामगार जातियों को 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता कर उन्हें आर्थिक विकास करने का अवसर दे रही है। केंद्र सरकार ने जब इस योजना का ऐलान किया था, तभी माना गया था कि मोदी सरकार इसके सहारे बिहार-यूपी के अति पिछड़े गरीब कामगरों की स्थिति को बेहतर करने की योजना बना चुकी है। अब इसी योजना को बिहार में अति पिछड़ी गरीब जातियों के लिए लागू करने का वादा किया गया है। एनडीए के संकल्प पत्र में केवट, मल्लाह, तेली, धानुक, धोबी और माली जैसी जातियों को 10 लाख रूपये तक का सस्ता कर्ज देकर उन्हें विकास करने का अवसर दिए जाने का वादा किया गया है।
आयुष्मान योजना और मेट्रो का विस्तार 
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना काफी चर्चित रही है। देश के करोड़ों परिवारों ने इस योजना के माध्यम से अपना लाखों का इलाज का खर्च बचाया है। अब बिहार में केंद्र सरकार से अलग पांच लाख रूपये तक का इलाज कराने की सुविधा देने का वादा किया गया है। इसके लिए बिहार में स्वास्थ्य योजनाओं पर निवेश करना होगा। इस समय की एक सच्चाई यह भी है कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग में लगभग आधे पद खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में यदि एनडीए चुनाव जीतता है तो आयुष्मान योजना को जमीन पर उतारने के लिए उसे स्वास्थ्य विभाग में निवेश पर भी ध्यान देना होगा।
आर्थिक ढांचे में निवेश से केंद्र ने देश की अर्थव्यवस्था को लगातार गतिशील बनाए रखने का काम किया है। अब बिहार में चार शहरों में मेट्रो और 3600 किलोमीटर के सात एक्सप्रेस हाईवे बनाने का वादा किया गया है। युवाओं को एक करोड़ नौकरी देने का वादा केवल चुनावी वादा नहीं है। नीतीश सरकार ने पिछले कार्यकाल में करीब 49 लाख नौकरियों को देने का काम किया है। युवाओं को नई स्किल देकर उन्हें रोजगार के लिए उपयुक्त बनाने का काम लगातार किया जा रहा है। अब इस संकल्प पत्र में युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नौकरियां करने के लिए ग्लोबल स्तर का स्किल देने की योजना बनाई गई है। राज्य के हर जिले में ऐसे सेंटर स्थापित किए जाएंगे। यह बिहार के युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय हो सकता है।
लोकलुभावन योजनाएं और ईबीसी के लिए आयोग भी 
मुफ्त बिजली-पानी की राजनीति अब देश के हर हिस्से में दिखाई देती है। बिहार चुनाव में भी इसकी छाप दिखाई दे रही है। एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। इससे गरीब वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए व्यवहार में बिजली बिल जीरो हो जाएगा। बिहार चुनाव में जातियों का समीकरण बहुत प्रभावी रहता है। एनडीए ने सर्वोच्च न्यायालय के एक पूर्व जज से ईबीसी वर्ग की स्थितियों का आकलन कराने का वादा भी किया है।
भाजपा नेता जयराम विप्लव ने अमर उजाला से कहा कि केंद्र में मोदी सरकार हों या भाजपा-एनडीए की कोई दूसरी सरकार, हमारा ट्रैक रिकॉर्ड है कि हमने चुनाव में जनता से जो भी वादा किया, उसे पूरा करके दिखाया। उन्होंने कहा कि बिहार में भी जनता को वही जमीनी वादे किये गए हैं जिसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसमें युवाओं को एक करोड़ नौकरी, एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना, जीविका दीदियों को दो-दो लाख रूपये तक की सहायता देना शामिल है।
जयराम विप्लव ने कहा कि हमारे दो सबसे बड़े नेता हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। देश और बिहार की जनता जानती है कि दोनों नेताओं ने जनता के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया। इन नेताओं ने कभी अपने परिवार को प्राथमिकता नहीं दी। वहीं दूसरी तरफ राजद और कांग्रेस जैसी पार्टियों का इतिहास भी जनता के सामने है कि किस तरह इन दोनों पार्टियों ने अपने बेटों को गद्दी देने के लिए देश के हितों के साथ समझौता किया। भाजपा नेता ने कहा कि कोई तुलना नहीं है। भाजपा-जदयू और एनडीए के सभी सहयोगी दल पूरी मजबूती के साथ सरकार बनाएंगे।
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. नवल किशोर यादव ने अमर उजाला से कहा कि बिहार में लोकआस्था का पर्व हाल ही में बीता है। इसमें डूबते सूर्य और उगते सूर्य की पूजा की जाती है। लेकिन इसमें डूबता सूरज भाजपा-जदयू का है, लेकिन उगता सूरज आरजेडी का है। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों से बिहार की सत्ता पर कब्जा जमाकर रखा है, लेकिन इस दौर में जब पूरा देश आगे निकल गया, बिहार आज भी केवल मजदूर सप्लाई करने की फैक्ट्री बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि अब यह स्थिति बदलनी चाहिए।
इस समय चुनाव चल रहा है और इस समय भी बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। लोकतंत्र की बात करने वाले अपने विरोधियों को पचा नहीं पा रहे हैं। यह बताना चाहिए कि इसकी जवाबदेही किसकी बनती है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव भरोसे का चुनाव है। मोदी-नीतीश कुमार पर से लोगों का भरोसा समाप्त हो चुका है, और तेजस्वी यादव युवाओं की नई उम्मीद बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि इस भरोसे की लड़ाई में महागठबंधन बाजी मारेगा।
कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप शाही ने अमर उजाला से कहा कि भाजपा-जदयू को केवल यह बताना चाहिए कि क्या बिहार के लोग केवल मजदूर बनने के लिए पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में उद्योग नहीं लगाना चाहती जिससे बिहार से सस्ते मजदूर गुजरात को मिलते रहें। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के बड़े नेता उद्योग और बुलेट ट्रेन तो गुजरात में चलाना चाहते हैं, लेकिन बिहार में लोगों को गरीब और मजदूर बनाए रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीए के घोषणा पत्र में किसानों के लिए कुछ नहीं वादा किया गया है। यदि भाजपा-जदयू चाहते तो इस घोषणा पत्र में किसानों को पूर्ण एमएसपी देने का वादा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। जबकि विपक्ष के घोषणा पत्र में हर घर को सरकारी नौकरी और किसानों को एमएसपी देने का वादा किया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए का घोषणा पत्र केवल छलावा है, जबकि महागठबंधन ने किसानों, महिलाओं और पूरे बिहार के विकास का फ्रेमवर्क जनता के सामने पेश किया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस चुनाव में बिहार में बड़ा बदलाव होगा और जनता को एक नया बिहार देखने को मिलेगा।
