रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय सूरत गुजरात प्लानेट न्यूज़
सूरत ट्रैक साजिश मामला: अवॉर्ड के लिए रेलकर्मियों ने ही रची थी साजिश, ऐसे हुआ खुलासा
Surat Train Derailment Case: सूरत के नजदीक कीम और कोसंबा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक के फिशप्लेट और ईआरसी खोलने के मामले में रेलवे को जानकारी देने वाला ट्रैकमैन ही मुख्य आरोपी निकला।
Surat Train Derailment Case: सूरत के नजदीक कीम और कोसंबा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक के फिशप्लेट और ईआरसी खोलने के मामले में रेलवे को जानकारी देने वाला ट्रैकमैन ही मुख्य आरोपी निकला। उसके साथ पेट्रोलिंग करने वाले अन्य दो रेलकर्मियों ने भी षडयंत्र में साथ दिया। रेलकर्मियों ने अवॉर्ड पाने के चक्कर में साजिश रची थी। कीम रेलवे स्टेशन के नजदीक 21 सितंबर को ट्रैक पर फिशप्लेट व ईआरसी खोलकर ट्रैक पर रखकर गरीबरथ एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की साजिश रची थी। इस पर पुलिस सहित अन्य जांच टीमों ने मामले की जांच शुरू की।
मोबाइल से डिलिट कर दी थी व वीडियो
घटना को सबसे पहले देखने तथा रेलवे अधिकारियों को सूचना देने वाले सुभाष कुमार कृष्णदेव पोद्दार ने पुलिस को बताया था कि उसने मोबाइल में फोटो व वीडियो लिए हैं। पुलिस जांच में ट्रैक पर ट्रेन के आने से पहले व सूचना मिलने के समय के बीच बड़ी संख्या में फिशप्लेट और ईआरसी खोलना असंभव जैसा लगा। इसके चलते पुलिस ने पेट्रोलिंग में शामिल तीनों रेलकर्मियों के मोबाइल की जांच की।
जांच में ऐसे हुआ खुलासा
दूसरे रेलकर्मी मनीष कुमार सूर्यदेव मिस्त्री के मोबाइल में ट्रैक पर रखे ईआरसी क्लिपों के फोटो लेने के बाद डिलिट कर दिया था, जो फोन की रिसाइकिलबिन हिस्ट्री जांचने में सामने आ गए। इसके बाद पुलिस ने तीनों से कड़ी पूछताछ शुरू की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। बताया जाता है कि रेलकर्मियों ने अवॉर्ड (इनाम), रात्रि ड्यूटी से निजात मिलने व परिवार के साथ बाहर जाने का समय मिलने के लिए षडयंत्र रचा था।