प्रसव के नाम कर वसूली में स्टाफ नर्स सहित दो गिरफ्तार, डाक्टर व स्टाफ ने किया प्रदर्शन
बरेली। मीरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीते दिनों प्रसव के नाम पर वसूली के चलते हुई शिकायत पर स्टाफ नर्स और आशा पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिस ने स्टाफ नर्स को सीएचसी और आशा को गांव से अपने साथ थाने ले गई जिसके चलते डॉक्टर सहित समस्त स्टाफ सीएचसी पर ही धरना-प्रदर्शन करने लगा। इस दौरान करीब दो घंटे तक मरीज इलाज के लिए इधर उधर भटकते रहे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज पर प्रसव के नाम पर वसूली मामले मे शनिवार को पुलिस ने सीएचसी अधीक्षक की शिकायत पर स्टाफ नर्स निहारिका यादव और आशा रितु के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस सीएचसी से निहारिका और रितु को गिरफ्तार करके थाने लेकर आई जिसके चलते अस्पताल का समस्त स्टाफ धरने पर बैठ गया और जमकर नारेबाजी करने लगा इस दौरान करीब दो घंटे तक मरीज बिना इलाज के इधर उधर भटकते रहे।
डॉक्टर अनीता ने बताया कि स्टाफ नर्स और आशा को पुलिस अपने साथ ले गई है मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, डॉक्टरों द्वारा ओपीडी का बहिष्कार किया गया है। इमरजेंसी सेवा चालू है। चिकित्सा अधीक्षक विजय कुमार पाल ने बताया कि प्रसव के दौरान वसूली के आरोप में स्टाफ नर्स और आशा पर मुकदमा दर्ज किया गया है पुलिस दोनो को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है जिसको लेकर अस्पताल परिसर में स्टाफ ने धरना प्रदर्शन किया उनके द्वारा समस्त स्टाफ से बोला गया है कि किसी भी कार्य के कोई रुपए नही मांगे जाएंगे। कुछ दिनों पहले नथपुरा गांव के रहने वाले उमेश ने अपनी पत्नी अनिता का प्रसव कराया था जिसमे उन्होंने स्टाफ पर आरोप लगाया था कि डिलीवरी के नाम पर उनसे दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी जिसमें उन्होंने पांच हजार रुपया डिलीवरी के लिए दिए थे।मामला बढ़ते ही जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी ने अस्पताल परिसर पर प्रसव के नाम पर वसूली को लेकर धरना प्रदर्शन किया था फिर शाम को रिश्वत के लिए पांच हजार रूपए पीड़ित को वापस कर दिए गए थे जिसके चलते जिलाधिकारी और स्वास्थ विभाग की अलग अलग जांच चल रही थी। जांच में स्टाफ और मरीजों सहित अन्य लोगो के बयान भी दर्ज किए गए थे, शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक की तहरीर पर स्टाफ नर्स निहारिका यादव और गांव की आशा रितु पर भ्रटाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।