जलशक्ति मंत्री का संसदीय क्षेत्र है प्यासा, पीने के पानी पर हर महीने खर्च करने पड़ रहे 15 लाख रुपये!
रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय सुरत गुजरात प्लानेट न्यूज
केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र भाठा के निवासी पिछले आठ महीनों से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, भले ही इसे सूरत नगर पालिका में शामिल किया गया हो, भाठा ग्रीन सिटी में लगभग 1600 फ्लैटों में रहने वाले लोग और आसपास की इमारतों की शिकायत है कि उन्हें हर महीने पानी के लिए 15 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता है। सूरत नगर पालिका, जल आपूर्ति बोर्ड, स्थानीय नगरसेवकों, विधायकों और जल समिति के अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुति के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया.सूरत नगर पालिका के भाठा इलाके में स्थित ग्रीन सिटी, ग्रीन सिटी गोल्ड समेत कई अपार्टमेंट में करीब 1600 फ्लैट हैं. जब यह क्षेत्र पहले सूडा में था तब पानी की आपूर्ति गुजरात जल आपूर्ति बोर्ड द्वारा की जाती थी। लेकिन नगर पालिका में शामिल होने के बाद नगर पालिका द्वारा उसी लाइन में जलापूर्ति की जाती है।पिछले आठ माह से इस लाइन में खराबी आ गयी है, जिससे जलापूर्ति कम हो गयी है. इस इलाके के निवासी आठ महीने से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चूंकि यह क्षेत्र अब सूरत नगर पालिका के अंतर्गत आता है, इसलिए स्थानीय लोगों ने रांदेर जोन और स्थानीय नगरसेवक को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया।लेकिन चूंकि यह लाइन गुजरात जल आपूर्ति बोर्ड द्वारा बिछाई गई थी, इसलिए जवाब मिला कि मरम्मत बोर्ड द्वारा की जाएगी। इस वजह से अधिकारी स्थानीय जल आपूर्ति बोर्ड के पास गए और कहा कि यह क्षेत्र अब सूरत नगर पालिका के अंतर्गत आता है, इसलिए यह काम सूरत नगर पालिका को करना होगा।इसके बाद फिर से स्थानीय लोगों ने रांदेर जोन, हाइड्रोलिक विभाग और नगरपालिका के नगरसेवकों और जल समिति अध्यक्ष के सामने प्रस्तुति दी। लेकिन, यह प्रस्ताव कागजों पर ही सिमट कर रह जाने के कारण आठ माह बाद भी इस क्षेत्र के निवासियों को पानी नहीं मिल पा रहा है.जब इस क्षेत्र के विधायक उपस्थित हुए थे तो जलप्रदाय बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे, लेकिन खो-खो के चल रहे खेल के कारण अभी भी जलप्रदाय बोर्ड और नगर पालिका को पानी नहीं मिल रहा है. आज इस क्षेत्र के लोग एकत्र हुए और मिलकर विरोध प्रदर्शन किया.स्थानीय लोगों का कहना है, हम केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के वोटर हैं और हमें पानी के लिए हर महीने 15 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे, यह कहां का न्याय है. अगर नगर पालिका हमसे टैक्स वसूलती है तो पानी उपलब्ध कराना भी नगर पालिका की जिम्मेदारी है, लेकिन अब तक न्याय नहीं मिलने से हमारी हालत खराब होती जा रही है.