‘खाने को मोहताज’ पूर्व मंत्री, पत्नी-बेटे से लड़ाई, जानिए क्या है भरतपुर राजघराने का पूरा बवाल?
भरतपुर के पूर्व राजपरिवार की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है.पूर्व महाराजा और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भरण-पोषण के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है और 5 लाख रुपए प्रति महीना खर्चा दिए जाने की मांग की है.उन्होंने पत्नी और बेटे पर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, पत्नी और बेटे ने भी अब मोर्चा खोल दिया है और अपना पक्ष सामने रखा है.
राजस्थान के भरतपुर में राजघराने की लड़ाई बढ़ती जा रही है. पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह ने पहले अपनी पत्नी और बेटे ने गंभीर आरोप लगाए. अब बेटे ने दावा किया कि पिता मोती महल को बेचना चाहते हैं,इसलिए परिवार में झगड़ा शुरू हुआ है. यह भी आरोप लगाया कि विश्वेंद्र सिंह पत्नी और बेटे को बदनाम कर रहे हैं. फिलहाल, यह विवाद थमता नहीं दिख रहा है.
दरअसल, पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह ने भरण पोषण ट्रिब्यूनल में पत्नी और बेटे के खिलाफ याचिका दायर की है. उन्होंने 5 लाख रुपये प्रतिमाह भरण पोषण दिए जाने की मांग की है. पत्नी और बेटे पर मारपीट करने का आरोप भी लगाया है. विश्वेंद्र की पत्नी दिव्या सिंह भरतपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं. विश्वेंद्र सिंह राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
विश्वेंद्र ने भरण पोषण प्राधिकरण में उपखंड अधिकारी के यहां अपनी पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ याचिका दायर की है. इस याचिका के जरिए पत्नी और बेटे से 5 लाख रुपए प्रतिमाह भरण पोषण दिए जाने की मांग की है. विश्वेंद्र ने पत्नी और बेटे पर प्रताड़ित करने और मारपीट करने के आरोप लगाए हैं.विश्वेंद्र का कहना था कि मारपीट करने के बाद मुझे मोती महल से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद मैं करीब 3 वर्षों से कभी होटल में तो कभी कहीं अपना जीवन विश्वेंद्र का कहना था कि मारपीट करने के बाद मुझे मोती महल से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद मैं करीब 3 वर्षों से कभी होटल में तो कभी कहीं अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं.