NDA: ‘इस बात की क्या गारंटी है कि नीतीश…?’ बिहार की राजनीति पर डीएमके नेता का बड़ा बयान

डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा ‘नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कोई काम नहीं हुआ तो उन्होंने कौन सा प्लान दिया था? उन्होंने खुद कोई योजना नहीं दी।’बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए के खेमे में शामिल हो गए हैं। जब इसे लेकर INDIA गठबंधन की सहयोगी पार्टी डीएमके के नेता आरएस भारती से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘इस बात की क्या गारंटी है कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव तक एनडीए गठबंधन का हिस्सा बने ही रहेंगे? अभी इंतजार करिए।’ डीएमके सांसद टीआर बालू ने भी नीतीश कुमार की आलोचना की है।टीआर बालू ने नीतीश पर बोला हमला
नीतीश का एनडीए खेमे में जाना विपक्षी गठबंधन के लिए बड़ा झटका है, लेकिन विपक्षी गठबंधन के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं। डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि ‘नीतीश कुमार का जाना विपक्षी गठबंधन के लिए कोई झटका नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कोई काम नहीं हुआ तो उन्होंने कौन सा प्लान दिया था? उन्होंने खुद कोई योजना नहीं दी। वह बस कहते थे कि हम सभी को हिंदी में बात करनी चाहिए, लेकिन हमने इसे बर्दाश्त किया। सभी पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन यह गठबंधन है और हमें सीटों का बंटवारा करना पड़ता है। मेरी इच्छा है कि डीएमके तमिलनाडु में 20 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े।’ कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर टीआर बालू ने कहा ‘दोनों पार्टियों के बीच पहले चरण की बातचीत हो चुकी है और दूसरे चरण की बात 9 फरवरी के बाद होगी।’
UP: नीतीश कुमार से गठबंधन का यूपी में मिलेगा बड़ा फायदा, भाजपा का ये प्लान हो गया सफल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापसी का भाजपा को यूपी में भी फायदा मिलेगा। लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल के कुर्मी सहित अन्य पिछड़ी जातियों को साधने में पार्टी को मदद मिलेगी। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि बिहार से जुड़े पूर्वाचल के इलाकों में कुर्मी जाति में नीतीश का भी प्रभाव है। इंडिया गठबंधन से यूपी में भाजपा के कुर्मी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए नीतीश को पूर्वांचल की किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने की अटकलें थीं।
जानकारों का मानना है कि नीतीश की वापसी में इस तरह के खतरे टलने के साथ कुर्मी वोट बैंक में सेंधमारी का संकट भी खत्म हो गया है। बिहार के बदले समीकरण से कुर्मी के साथ पूर्वांचल के भूमिहार समाज के वोट बैंक में भी पार्टी को फायदा होने की उम्मीद है।