CG Weather News: छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ी ठिठुरन, कई शहरों में पारा सामान्य से नीचे, यहां शीतलहर की संभावना

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से ठिठुरन लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल पूरे प्रदेश में 24 घंटे तक मौसम शुष्क बना रहेगा और न्यूनतम तापमान में किसी खास बदलाव की उम्मीद नहीं है।

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से ठिठुरन लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल पूरे प्रदेश में 24 घंटे तक मौसम शुष्क बना रहेगा और न्यूनतम तापमान में किसी खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसके बाद अगले चार दिनों के दौरान रात और सुबह के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़त देखी जा सकती है।
मौसम एक्सपर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए शीतलहर जैसी स्थिति बनने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में सुबह व देर शाम के समय ठंडक और अधिक महसूस की जा सकती है। मंगलवार को प्रदेश भर में तेज ठंडी हवा और साफ आसमान के कारण दिन का तापमान सामान्य से कम रहा।
सरगुजा संभाग के कई जिलों में तो हल्की शीतलहर जैसे हालात बन गए। वहीं प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 30.2°C दुर्ग में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम रात का पारा 7.3°C अंबिकापुर में लुढ़क गया। विशेषज्ञ बताते हैं कि रात के समय आसमान साफ रहने से धरातल तेजी से ठंडा होता है, जिससे तापमान में गिरावट आती है।
राजधानी रायपुर में मंगलवार को अधिकतम तापमान 28°C रहा, जो सामान्य से करीब 2°C कम था। न्यूनतम तापमान 13.2°C मापा गया, जो औसत से 3.2°C नीचे रहा। बुधवार को भी आसमान साफ रहने के आसार हैं और तापमान में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि अधिकतम तापमान 29°C और न्यूनतम करीब 14°C तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने सुबह और शाम के समय ठंड से बचने की सलाह दी है।
बिलासपुर, पेण्ड्रारोड, अंबिकापुर, जगदलपुर, दुर्ग और राजनांदगांव सहित कई प्रमुख शहरों में तापमान सामान्य से नीचे रहा। अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 7.3°C तक गिर गया, जबकि दुर्ग में अधिकतम पारा 30°C से अधिक पहुंच गया। कई इलाकों में सुबह की नमी 85% तक रही, जिससे ठंड का असर और बढ़ गया।
फिलहाल प्रदेश में किसी पश्चिमी विक्षोभ या वर्षा प्रणाली का प्रभाव नहीं है। इसलिए अगले दो दिनों तक आसमान साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है। उत्तर भारत से आ रहीं ठंडी हवाएँ रात का तापमान कम बनाए रखेंगी। हालांकि गुरुवार से तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी शुरू हो सकती है, जिससे शीतलहर का असर भी कमजोर होगा।
