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Operation Trishul: धमाकों से गूंजा पश्चिमी राजस्थान का आसमान, मरु ज्वाला अभ्यास में युद्ध कौशल का गजब अंदाज|

Operation Trishul: धमाकों से गूंजा पश्चिमी राजस्थान का आसमान, मरु ज्वाला अभ्यास में युद्ध कौशल का गजब अंदाज|
Operation Trishul: धमाकों से गूंजा पश्चिमी राजस्थान का आसमान, मरु ज्वाला अभ्यास में युद्ध कौशल का गजब अंदाज|

Operation Trishul In Rajsthan: जैसलमेर, जालौर और बाड़मेर में थल व वायुसेना ने संयुक्त अभ्यासों में युद्ध जैसी परिस्थितियां रचकर अपना कौशल दिखाया। ऑपरेशन त्रिशूल और महागजराज के तहत टैंकों, पैराट्रूपिंग और फाइटर जेट्स ने दुश्मन पर जवाबी हमले की सफल रणनीति प्रदर्शित की।

पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में मंगलवार का दिन युद्ध जैसी स्थितियों से भरा रहा। जैसलमेर, जालौर और बाड़मेर जिलों में थल सेना और वायुसेना के जांबाजों ने अपने संयुक्त सैन्य अभ्यासों के दौरान जबरदस्त युद्ध कौशल और समन्वय का प्रदर्शन किया। आसमान में धमाकों की गूंज और जमीन से उठते धुएं व रेत के गुब्बारों ने मानो वास्तविक युद्ध का अहसास करा दिया।


Operation Trishul: धमाकों से गूंजा पश्चिमी राजस्थान का आसमान, मरु ज्वाला अभ्यास में युद्ध कौशल का गजब अंदाज|

जैसलमेर में सेना ने दुश्मन पर किया जवाबी हमला
जैसलमेर जिले के सियालो का तला क्षेत्र में सेना के जवानों ने युद्ध जैसे दृश्य का निर्माण किया। इस दौरान अभ्यास में दिखाया गया कि दुश्मन सैनिकों ने भारत की अग्रिम चौकियों पर कब्जा कर लिया था।

Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan

इसके बाद भारतीय थल और वायु सेना ने जवाबी हमला कर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। यह प्रदर्शन ‘ऑपरेशन त्रिशूल’ के समापन के तहत किया गया।

Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan

रेत के बीच टैंकों और पैराट्रूपर्स ने दिखाया दम
मरु ज्वाला अभ्यास के दूसरे चरण में टैंकों से दागे गए गोलों ने दुश्मन के ठिकानों को पलक झपकते ही तबाह कर दिया। करीब 12,500 फीट की ऊंचाई से पैराट्रूपिंग कर उतरे सैनिकों ने गोलों और बमों की बरसात कर दुश्मनों को निष्क्रिय किया।

Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan

सेना की सेवन पैरा टीम के जवानों ने यह साबित किया कि भारतीय सेना के लिए जल, थल और नभ तीनों ही मार्गों में कोई भी बाधा दुर्गम नहीं है। वायुसेना के सी-295 परिवहन विमान से पैराकमांडो ने ऊंचाई से पैराशूट के सहारे छलांग लगाकर वॉर जोन में उतरने का अद्भुत प्रदर्शन किया।

 

Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan
जालौर और बाड़मेर में वायुसेना का ‘महागजराज’ अभ्यास
इसी दिन सीमांत जालौर जिले के चितलवाना और बाड़मेर के बाखासर क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने ‘महागजराज’ नाम से विशेष युद्धाभ्यास किया। इस दौरान फाइटर जेट जगुआर और सुखोई-30 ने भारत माला एक्सप्रेस वे-925A की 3 किलोमीटर लंबी आपातकालीन एयर स्ट्रिप पर लैंडिंग और टेकऑफ कर अपनी सामरिक क्षमता का प्रदर्शन किया।
Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan
ट्रायल की शुरुआत सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के टच-एंड-गो अभ्यास से हुई, जिसके बाद जगुआर और सुखोई जेट्स ने अपनी ताकत का परिचय दिया। अभ्यास के दौरान हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद रहा, जबकि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस व प्रशासनिक टीमें मुस्तैदी से तैनात रहीं।
Operation Trishul Indian Army and Air Force Display War Power in desert of Rajasthan
देशभक्ति के जोश से गूंजे इलाके
विंग कमांडर देवेंद्र पांडे ने बताया कि यह अभ्यास साउथ-वेस्टर्न कमांड के तहत आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन एयर लैंडिंग फील्ड की वैधता और उपयोगिता को परखना था। फाइटर विमानों की गर्जना से आसमान गूंज उठा और आसपास मौजूद लोगों के चेहरों पर देशभक्ति का उत्साह झलकने लगा।
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Author: ILMA NEWSINDIA

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