MSME for Bharat LIVE: ‘चाहे सफल हों या नहीं, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की जरूरत’, बोले SBI के पूर्व प्रमुख|


रजनीश कुमार ने कहा, “दुनिया पिछले 30-40 वर्षेों में पूरी तरह से बदल गई है। ऐसा मैनुअल बैंकिंग से डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ने से संभव हो पाया। सरकारी स्कीमों मुद्रा स्क्रीम, स्ट्रीट वेंटर स्कीमों के जरिए भी ऋण मुहैया कराने में मदद मिली है। हमें वेंचर कैपिटल को बढ़ाने की जरूरत है। हमें नई स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की जरूरत है चाहे वे सफल हों या नहीं। इसके लिए वेंचर कैपिटल को बढ़ाना पड़ेगा। यह हाई रिस्क कैपिटल है। इसके लिए इसके लिए बैंक आगे नहीं आते। इसे मुहैया कराने के लिए हमें कदम बढाने होंगे।”
एसबीआई के पूर्व चेयरमैन और फिलहाल भारतपे से जुड़े रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार के सपोर्ट की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र में बेहतर इकोसिस्टम को बनाने में इससे मदद मिलती है। कैपेक्स के लिए क्रेडिट फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम से मिलती है। केवल बैंकों को डिपॉजिट लेने की मंजूरी है। ऐसे में वे संसाधनों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आज 2.5 मिलियन लैंडेबल मर्चेंट हैं। कैश भारतपे पर दिखता है। हम पार्टनरशिप मॉडल पर काम कर रहे है। वे पैसे मुहैया करवा रहे हैं। वे ऋण मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश में एमएसएमई को ऋण मुहैया कराने के लिए बहुत बढ़िया इकोसिस्टम तैयार हुआ है। आज यदि किसी को मशीन खरीदना हो चाहे वह 20 लाख का हो तो लोन आसानी से उपलब्ध है।
कौशल विकास के बारे में बोलते हुए डॉ. शुभ्रांशु ने कहा कि एमएसएमई को अपने व्यवसायों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाना चाहिए। इसमें कौशल प्रशिक्षण, पुनः कौशलीकरण और अपस्किलिंग के अवसर प्रदान करना, जिसमें प्रौद्योगिकी केंद्र और उत्पाद परीक्षण सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स का संचालन किया जाता है। इसका प्रबंधन एनएसआईसी करती है। इस फंड से एमएसएमई के विकास को अगले स्तर पर पहुंचाने में मदद मिल सकती है।
भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समर्थन देने की रणनीतियों पर चर्चा करते हुए एनएसआईसी के सीएमडी डॉ. शुभ्रांशु आचार्य ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना कि एमएसएमई को आवश्यकता पड़ने पर आसानी से ऋण प्राप्त हो सके, और सुचारू ऋण प्रवाह के लिए उचित प्रबंधन और मार्गदर्शन उपलब्ध हो।

अमर उजाला के एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम के पहले सत्र ‘फंडिंग का फ्यूचर’ में डॉ. शुभ्रांशु आचार्य, रजनीश कुमार और मनीष शाह एमएसएमई के लिए निवेश और पूंजी जुटाने के अवसरों पर विचार साझा कर रहे हैं।
अवॉर्ड समारोह और एक्सपो के आकर्षण
कार्यक्रम के विशेष आकर्षण एक्सपो में विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी भारतीय और वैश्विक कंपनियां अपने नवीनतम उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगी। कार्यक्रम के समापन सत्र में 15 कैटेगरी में 60 विजेताओं को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज अवार्ड्स से सम्मानित किया जाएगा।
अमर उजाला के कार्यक्रम में आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा भी माैजूद रहेंगे। विशेष अतिथि के रूप में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ उद्यमियों के साथ संवाद करेंगे। आयोजन न केवल एमएसएमई के लिए एक प्रेरणादायक मंच बनेगा, बल्कि यह भारत के उद्यमों को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक आगे बढ़ाने का आत्मविश्वास भी देगा।
देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनाने और “वोकल फॉर लोकल” के विजन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अमर उजाला भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव, एक्सपो व एवं अवार्ड्स 2025 का आयोजन कर रहा है। सुबह 10 बजे पहले सत्र- फंडिंग का फ्यूचर की शुरुआत हुई। सत्र में डॉ. शुभ्रांशु आचार्य, रजनीश कुमार और मनीष शाह एमएसएमई के लिए निवेश और पूंजी जुटाने के अवसरों पर विचार साझा कर रहे हैं।
यह कार्यक्रम अमर उजाला के एमएसएमई मंथन की उस ऐतिहासिक श्रृंखला का समापन है, जो सितंबर माह में 8 राज्यों के 26 शहरों में आयोजित हुई थी और जिसमें 5000 से अधिक उद्यमी, स्टार्टअप फाउंडर्स और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया था। इस अवसर पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री जीतनराम मांझी मुख्य अतिथि होंगे।
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