वकील ने आग्रह किया कि अगर शुक्रवार तक याचिका नहीं सुनी गई, तो यह निरर्थक हो जाएगी, क्योंकि मैच रविवार को होना है। इस पर कोर्ट ने दोबारा कहा, ‘हम क्या कर सकते हैं? मैच होने दीजिए।’
याचिका में कहा गया कि ‘ऐसे समय में जब हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं, हम उसी देश के साथ खेल में शामिल हो रहे हैं जो आतंकवादियों को शरण देता है। ये राष्ट्र की गरिमा और शहीदों के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।’
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