पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में रोपड़ के एक यूट्यूबर को गिरफ्तार किया है। आरोपी जसबीर सिंह रोपड़ के गांव माहलां का रहने वाला है। वह बीते दिनों पकड़ी गई हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा और पाकिस्तानी उच्चायोग से निकाले गए एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में था। जसबीर पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को पंजाब के सरहदी इलाकों और सेना की गतिविधियों के अलावा कई संवेदनशील जानकारियां साझा की हैं। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने इस जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
साझा करने पर ऑपरेशन सेल ने जासूस जसबीर सिंह को दबोचा है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जब जासूस ज्योति मल्होत्रा पकड़ी गई, तो आरोपी जसबीर सिंह ने उसके मोबाइल व अन्य डिवाइस में ज्योति और दानिश के साथ साझा किए संवदेनशील इनपुट को डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा।
2024 में पाकिस्तानी उच्चायोग की तरफ से करवाए एक समागम में जसबीर की ज्योति मल्होत्रा से जान-पहचान हुई थी। जसबीर व ज्योति दोनों एक साथ पाकिस्तान गए थे। पुलिस को जसबीर सिंह और ज्योति मल्होत्रा के बीच आईएसआई के साथ साझा किए इनपुट की डिटेल्स हाथ लगी हैं।
डिवाइस से 150 पाकिस्तानी कॉन्टैक्ट मिले
एआईजी एसएसओसी मोहाली डॉ. रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि जसबीर सिंह के मोबाइल और अन्य डिवाइस से 150 पाकिस्तानी कॉन्टैक्ट मिले हैं, जिनमें आईएसआई एजेंटों, पाकिस्तान के इंटेलिजेंस व सेना के अधिकारियों और वहां के नागरिकों के नंबर हैं। इनकी जांच की जा रही है। आरोपी जसबीर को बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश कर तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
तीन बार गया पाकिस्तान
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जसबीर सिंह तीन बार वर्ष 2020, 2021 और 2024 में पाकिस्तान गया था। इसके अलावा दिल्ली में आयोजित पाकिस्तान नेशनल डे कार्यक्रम पर दानिश ने जसबीर सिंह को कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था, जिसमें जसबीर शामिल हुआ था।
दानिश ने जसबीर को पाकिस्तान के इंटेलिजेंस व सेना के अफसरों से मिलवाया था। उनके कॉन्टैक्ट भी आपस में साझा किए थे। आरोपी जसबीर सिंह जान महल के नाम से यूट्यूब चैनल चलाता है। इसके 11 लाख से अधिक सबस्क्राइबर हैं।
जट्ट रंधावा से भी जसबीर के लिंक
जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी जसबीर सिंह पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) शाकिर उर्फ जट्ट रंधावा के साथ जुड़ा हुआ था, जो एक आतंकवाद समर्थित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा है। डीजीपी ने बताया कि आरोपी जसबीर सिंह जब पाकिस्तान गया, तो वहां आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में आया। उन्होंने बाद में उसको भारत में जासूसी गतिविधियों करने के लिए भर्ती किया।
सबूत मिटाने का प्रयास, मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा
एआईजी डॉ. रवजोत ग्रेवाल ने कहा कि अपने बारे में जानकारी को छिपाने की कोशिश में आरोपी जसबीर सिंह ने अपने मोबाइल फोन से चैट, संपर्क रिकॉर्ड और पाकिस्तानी खुफिया हैंडलरों के साथ आदान-प्रदान किए गए दस्तावेजों समेत महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत मिटा दिए।
इस जानकारी को फिर से प्राप्त करने के लिए मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जसबीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रयोग भारतीय सेना की गतिविधियों व तैनाती के बारे संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलरों के साथ साझा करने के लिए किया था।