Bengaluru Stampede Photos: बेकाबू फैंस…तैयारियों में चूक, मातम में बदला जश्न; दिल दहला देने वाली तस्वीरें
1 week ago
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टीम की एक झलक पाने के लिये स्टेडियम के बाहर लाखों की संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी। इसके लिए हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा। ये प्रशंसक स्टेडियम के भीतर घुसने की कोशिश में प्रवेश द्वार के बाहर ही भगदड़ का शिकार हो गए।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न तब फीका पड़ गया जब बंगलूरू में जीत के जश्न के दौरान 11 लोगों की जान चली गई। आरसीबी ने पहली बार खिताब जीता तो बंगलूरू में ट्रॉफी का जश्न मनाने लाखों प्रशंसक जमा हुए। हालांकि, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मची और फैंस की जान चली गई। आरसीबी उन फ्रेंचाइजियों में से है, जिनके सबसे ज्यादा प्रशंसक हैं, लेकिन ये सब पता होने का बावजूद जश्न की तैयारियों में चूक हादसे की मुख्य वजह रही। प्रशंसकों का जश्न मातम में बदल गया, लेकिन सम्मान समारोह स्टेडियम के अंदर जारी रहा।

टीम की एक झलक पाने के लिये स्टेडियम के बाहर लाखों की संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी। इसके लिए हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा। ये प्रशंसक स्टेडियम के भीतर घुसने की कोशिश में प्रवेश द्वार के बाहर ही भगदड़ का शिकार हो गए। बुधवार दोपहर जब आरसीबी टीम बंगलूरू पहुंची तो हवाई अड्डे के बाहर सड़क पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में खड़े प्रशंसकों ने उनका गर्मजोशी से अभिवादन किया। प्रशंसक विराट कोहली के साथ टीम के खिलाड़ियों की एक एक झलक पाने के लिए सड़कों पर कतार में खड़े थे। यही हाल चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भी दिखा जहां प्रशंसकों की संख्या लगातार बढ़ती गई। हालांकि, इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गई। अब सवाल उठता है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? प्रशासन, फैंस या वहां की सरकार, या स्टेडियम और कर्नाटक क्रिकेट संघ के अधिकारी?

ऐसा नहीं है कि किसी को चेतावनी नहीं दी गई थी। बंगलूरू ट्रैफिक पुलिस ने एक्स पर जारी बयान में कहा था कि विधान सौधा से स्टेडियम तक आरसीबी टीम की बस परेड यातायात संबंधी परेशानियों के कारण नहीं हो सकती है, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसकी अनुमति दे दी थी। खिलाड़ियों के विधान सौधा पहुंचने के बाद दर्शकों के अनियंत्रित होने के कारण हालांकि यह परेड नहीं कराई गई। शहर में बारिश के मौसम ने भी अधिकारियों को ऐसा निर्णय लेने के लिए मजबूर किया होगा। इसके साथ ही आरसीबी की जीत के बाद मंगलवार रात भीड़ को नियंत्रित करने में भी पुलिस को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।

सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों और वीडियो में कोहली को ट्रॉफी पकड़े हुए और टीम के बस मार्ग पर खड़े हजारों प्रशंसकों को सुखद आश्चर्य से देखते हुए देखा जा सकता है। प्रशंसक टीम के काफिले की ओर खुशी से हाथ हिला रहे थे। हालांकि, अब इस जीत का जश्न फीका नजर आ रहा है। कुछ प्रशंसक के बयान भी सामने आए और उन्होंने तैयारियों पर सवाल उठाए। आनन फानन में आयोजित इस कार्यक्रम के टिकट भी हड़बड़ी में बेचे गए। गेट नंबर 12 और 13 के अलावा क्लब हाउस एंट्री गेट नंबर 10 पर भी भारी भीड़ जमा हो गई जिन पर नियंत्रण के लिये पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं था। दोपहर साढे तीन बजे तक प्रशंसकों की संख्या कई गुना बढ गई जिससे पुलिस और स्टेडियम के सुरक्षा अधिकारियों को सारे दरवाजे बंद करने पड़े ताकि वे लोग भीतर नहीं आ सकें जिनके पास टिकट नहीं था। इसके बावजूद कुछ फैंस स्टेडियम की दीवार और फेंसिंग पर चढ़कर स्टेडियम के अंदर घुसते दिखे। इसका वीडियो भी सामने आया।

अपने दोस्तों के साथ आये पोस्ट ग्रेजुएट छात्र प्रशांत शेट्टी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘मैंने समारोह के टिकट लिए थे, लेकिन अंदर नहीं जा सका। पुलिस ने अचानक सारे रास्ते और दरवाजे बंद कर दिए और मेन गेट के पास लाठीचार्ज शुरू कर दिया। मुझे नहीं पता कि हमारी क्या गलती थी। हमें समारोह का न्योता मिला था। हमने टिकट खरीदे थे ,लेकिन मार और गालियां खाई। हमारे जैसे फैंस के लिए यह भयावह दिन रहा।’ यह फैन टीम की जीत के जश्न को देखने आया था, लेकिन भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत के बाद का मातम देखकर स्तब्ध था। करीब साढ़े चार बजे कुबोन पार्क मेट्रो स्टेशन से और भीड़ आ गई जिससे पुलिस को हल्का बलप्रयोग करना पड़ा। गेट नंबर दस पर बच्चे और महिला भगदड़ का शिकार हुए और पुलिस ने इस रिपोर्टर पर भी लाठी चलाई और स्थानीय भाषा में अपशब्द कहे।

दूर से भी महिलाओं को बेहोश होकर गिरते देखना और प्रशंसकों को एक दूसरे को कुचलकर भागते देखना दुखद था। स्टेडियम के भीतर कार्यक्रम एक घंटे तक चला और टीम साढ़े छह बजे वापिस लौट गई, लेकिन प्रशंसक स्टेडियम के पास ही रहे जिससे ट्राफिक जाम हो गया और अफरा तफरी फैलती रही। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवाकुमार ने कहा, ‘भीड़ अनियंत्रित हो गई और पुलिस के लिए मुश्किल हो गया था जिससे हमें विक्ट्री परेड रोकना पड़ा।’ इस पूरी घटना पर बीसीसीआई का बयान भी सामने आया। बीसीसीआई ने कहा कि आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न की बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए थी। वहीं, आरसीबी टीम प्रबंधन ने कहा कि क्रिकेटप्रेमियों की भावनाओं के साथ हमदर्दी रखनी चाहिए।

बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह लोकप्रियता का नकारात्मक पहलू है। लोग अपने क्रिकेटरों के लिए पागल हैं। आयोजकों को इसकी बेहतर योजना बनानी चाहिए थी। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस स्तर के जीत के जश्न के आयोजन के लिए पर्याप्त एहतियात बरती जानी चाहिए थे और सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखना था। कहीं न कहीं तो कोई चूक हुई है। आईपीएल के इतने शानदार अंत के बाद यह रंग में भंग हो गया। पहले भी आईपीएल जीत के जश्न हुए हैं जैसे पिछले साल केकेआर के जीतने पर कोलकाता में हुआ था, लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ।’

सैकिया ने पिछले साल भारत के टी20 विश्व कप जीतने के बाद मुंबई में हुए जश्न का उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब हमने टी20 विश्व कप जीता तो मुंबई में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर उसे सुचारू रूप से कराया। उम्मीद है कि कुछ और अप्रिय नहीं हो। अहमदाबाद में आईपीएल फाइनल के दौरान भी स्टेडियम में एक लाख 20 हजार से ज्यादा दर्शक थे, लेकिन बीसीसीआई की टीम ने स्थानीय जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित की थी।’

वहीं आरसीबी प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को क्रिकेटप्रेमियों की भावनाएं समझनी चाहिए, लेकिन कुप्रबंधन पर एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘जो हमारे हाथ में है, हम उस पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं। सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है, लेकिन यह लोगों की भावनाएं थीं। जीत के जश्न में एक दूसरे का ध्यान रखने के संदेशों के बावजूद ऐसे हालात बन गए। हमें लोगों की भावनाओं को समझना होगा। उन्होंने संयम के साथ इस जीत के लिए 18 साल इंतजार किया है। हमें इस कमजोरी और भावनाओं के लिए उनके साथ हमदर्दी रखनी चाहिए।’

वहीं आईपीएल चेयरमैन अरूण धूमल ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस त्रासदी के बारे में पता चला, उन्होंने आयोजकों से कार्यक्रम बंद करने के लिए कहा। धूमल ने कहा, ‘जिस भी जांच की जरूरत होगी, वह की जाएगी। यह बीसीसीआई का आयोजन नहीं था। यह दुखद और त्रासद है। जश्न यूं त्रासदी में बदल गया। अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं। मुझे नहीं पता कि यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था या नहीं। प्रशंसकों को बुलाया गया था या वे खुद आए थे।’

धूमल ने कहा, ‘जब मैं आरसीबी अधिकारियों से बात कर रहा था तो स्टेडियम के भीतर इतना शोर था। उन्हें शायद पता नहीं था कि बाहर क्या हो रहा है। जब मैंने उन्हें बताया तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि कार्यक्रम तुरंत बंद कराया जाएगा।’ इस बीच आरसीबी और कर्नाटक प्रदेश क्रिकेट संघ ने संयुक्त रूप से मृतकों के परिवार को पांच पांच लाख रूपये मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है। वहीं, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।

Author: planetnewsindia
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