मानसूनी बारिश से पूर्वोत्तर में आई बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। असम में ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 15 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई राज्यों में बहुत बड़ा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है। लगभग 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, हजारों मकान ध्वस्त या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब तक 43 लोगों की जान भी जा चुकी है।
असम और मेघालय में भारी तबाही देखने को मिल रही है। दोनों ही राज्यों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। असम में 21 जिले बाढ़ की चपेट में है और 6.32 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। स्थानीय मौसम केंद्र ने 11 जिलों में आंधी-तूफान और बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। सड़क, रेल और फेरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
5 जून तक पूर्वोत्तर में बारिश जारी रहने की संभावना
दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से लगभग आठ दिन पहले आने के बाद ठिठक गया है। अब इसके 11 जून से फिर गति पकड़ने की उम्मीद है। इस बीच, जहां तक मानसून पहुंचा है वहां भारी बारिश हो रही है। इनमें दक्षिण भारत के केरल और आंध्र प्रदेश समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं। पूर्वोत्तर में खासतौर पर ज्यादा नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के मुताबिक 5 जून तक पूर्वोत्तर में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इससे स्थिति के और खराब होने की आशंका है।