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UP Board Result: डॉक्टर बनने चाहती थी आकांक्षा… इंटर में 90 प्रतिशत की थी उम्मीद, 79 फीसदी आए अंक; दे दी जान

कानपुर में इंटर के छात्रा को 90 प्रतिशत अंक आने की उम्मीद की थी, लेकिन उसके अंक 79 फीसदी आए। इस पर छात्रा ने खुदकुशी कर ली। पिता ने कहा कि बेटी को मेहनत के हिसाब से और अच्छे अंक आने की उम्मीद थी।

UP Board result 2025 girl suicide after scoring 79 Percentage marks she Expected 90 Percentage in nter Kanpur
कानपुर के फजलगंज थाना इलाके में इंटर की परीक्षा में उम्मीद से कम अंक आने पर छात्रा ने फंदे से लटककर जान दे दी। 90 प्रतिशत अंक आने की उम्मीद थी लेकिन 79 प्रतिशत अंक आने पर वह अवसाद में चली गई। रविवार रात वह घर की तीसरी मंजिल पर गई और गले में दुपट्टे का फंदा बनाकर जान दे दी। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

ओमनगर गुमटी नंबर पांच निवासी श्यामजी सैनी जेके मंदिर परिसर में फूल का व्यापार करते हैं। परिवार में श्यामजी की पत्नी गौरी, बेटा श्रेष्ठ व इकलौती बेटी आकांक्षा सैनी (19)थी। पिता के अनुसार बेटी आकांक्षा ने अशोकनगर क्षेत्र में स्थित एक स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

उन्होंने बताया कि बेटी बायोलॉजी से इंटर की परीक्षा दी थी। वह परीक्षा में अच्छे अंक आने की उम्मीद कर रही थी। शुक्रवार को परीक्षा परिणाम आया तो उसे 79 प्रतिशत अंक मिले। फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास करने पर सभी ने उसे बधाई दी लेकिन वह खुश नहीं थी।

पिता के अनुसार आकांक्षा इसलिए दुखी थी क्योंकि उसे 90 प्रतिशत अंक आने की पूरी उम्मीद थी। परिजनों ने उसका काफी हौंसला बढ़ाया लेकिन वह पूरी तरह से टूट गई और उदास रहने लगी। रविवार रात वह काम से गए थे। बारहवीं की पढ़ाई कर रहा बेटा श्रेष्ठ अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था।

वहीं, पत्नी गौरी दूसरे कमरे में थी। इसी बीच घर की तीसरी मंजिल में बने कमरे में आकांक्षा गई और गले में दुपट्टे का फंदा लगाकर जान दे दी। पिता के अनुसार घर लौटने पर जब बेटी नहीं दिखी तो आवाज देकर बुलाया। कोई जवाब न मिलने पर तीसरी मंजिल पर पहुंचे। दरवाजा पीटने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न आने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो आकांक्षा का शव फंदे से लटका मिला।

आनन-फानन ऑटो से उसे अस्पताल गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। फजलगंज इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई है।

डॉक्टर बनने का था सपना
गमगीन पिता ने रुंधे गले से बताया कि बेटी पढ़ने में बहुत होशियार थी। वह हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थी। कहती थी कि टॉपर बनकर अच्छे अंक लाएगी।

इस बार भी उसे 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक आने की उम्मीद थी। कम अंक आने पर उसे लगा कि उसका डॉक्टर बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा। सभी ने उसे समझाया लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया।
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Author: planetnewsindia

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