सांप से ज्यादा डस रहा है अंधविश्वास: झाड़ फूंक के फेर में फंसे रहे लोग, एक साल में गई है 406 की जान
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी कहते हैं कि सांप काटने के केस में एक मरीज को 10 एंटी वेनम इंजेक्शन लगते हैं। प्रत्येक सीएचसी पर इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता रहती है। यह भी सही है कि अंधविश्वास के चलते सर्प दंश के मामलों में लोग स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने में देरी करते हैं।

घर से महज 500 मीटर दूर है अस्पताल। लेकिन फिर भी वहां जाकर इलाज कराने के बजाए झाड़फूंक में समय बर्बाद करते रहे। अलीगढ़ के ग्रामीण अंचल में अंधविश्वास का जाल ऐसा फैला है कि लोग सांप के डसने के बाद अस्पताल नहीं जा रहे हैं। आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। वर्ष 2024 में 1270 लोगों को सांप ने डसा था जिनमें से 406 की जान चली गई। इनमें से अधिकांश ग्रामीण इलाकों के वह लोग थे जिन्होंने झाड़फूंक पर भरोसा किया। या फिर अस्पताल पहुंचने में देर कर दी। जबकि प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम के 400 इंजेक्शन रखे ही रह गए।
अगर कोबरा सांप डस ले तो मरीज को फौरन अस्पताल ले जाएं। दरअसल, शुरुआत के 30 मिनट मरीज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अगर समय रहते मरीज को एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन लग जाए तो उसकी जिंदगी बच सकती है। फिर भी व्यक्ति की उम्र, अवस्था और सांप के जहरीले होने पर निर्भर करता है।