मां शीतला की पूजा कर मनाया बासोडा


होली के पावन पर्व के बाद बासौड़ा(मां शीतला पूजा ) का पर्व भी हिंदू समाज के लोगों में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दिन लोग एक दिन पूर्व भोजन व पकवान बनाकर अगले दिन मंदिर-मंदिर जाकर देवी पूजन किया।
सोमवार को बासोडा पूजा के तहत महिलाओं ने शहर की बाहरी सीमा की परिक्रमा की और माता की कृपा पाने हेतु सुरक्षा चक्र बनाया। मान्यता है कि चैत्र मास में बदलते मौसम के कारण विभिन्न बीमारियों का प्रकोप हो जाता है। इन बीमारियों को शांत करने के लिए शीतला माता व अन्य देवी को प्रसन्न करने के लिए सभी परिवार के साथ सासनी के सीयल पर पहुँचे जहाँ विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। कस्बा में मुहल्ला पथवारी, पीपल वाला मुहल्ला, चामण वाला मुहल्ला आदि जगहों पर होते हुए बासोडा की पूजा की। महिलाओं ने बासोडा पूजा में बासी पकवानों का भोग शीतला माता को अर्पित किया जाता है। इस दिन घर का चूल्हा नहीं जलता और कोई ताजा खाना नहीं पकाया जाता। जिससे शीतला माता की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।