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Budget 2025: हिमाचल को GST में नहीं मिली राहत, आर्थिक बंदिशें हटाने पर भी बजट खामोश; एक्सपर्ट कमेंट भी जानें

Budget 2025: केंद्र से हिमाचल ने बड़ी राहतें मिलने की उम्मीद लगाई हुई थीं, लेकिन कांग्रेस शासित राज्य को यह राहत नहीं मिली।

राज्यों को 50 साल के लिए मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण को लेने की शर्तें पहाड़ी राज्य हिमाचल पर फिर से भारी पड़ेंगी। आम बजट में राहत देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को पत्र भेजा गया था। केंद्र से हिमाचल ने बड़ी राहतें मिलने की उम्मीद लगाई हुई थीं, लेकिन कांग्रेस शासित राज्य को यह राहत नहीं मिली।

केंद्रीय बजट से कई उम्मीदें लगाकर बैठी हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निराश कर दिया है। सरकार की जीएसटी क्षतिपूर्ति की मांग को फिर से अनसुना किया गया है। शनिवार को पेश किए आम बजट में हिमाचल प्रदेश का विशेष तौर पर कोई उल्लेख नहीं हुआ है। राज्य पर लगाई कई प्रकार की आर्थिक बंदिशों पर भी राहत नहीं मिली है। राज्यों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण को लेने के लिए केंद्र सरकार ने कई शर्तें लगाई हुई हैं। 

हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए इन कठिन शर्तों को पूरा करना आसान नहीं है। चालू वित्त वर्ष में भी यह ऋण लेने में कई परेशानियां पेश आईं। नए वित्त वर्ष में भी यह दिक्कतें बरकरार रहेंगी। राज्य में आय के साधन कम हैं। जीएसटी की क्षतिपूर्ति को समाप्त किया गया है। वित्तीय घाटे को कम करने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। रेलवे विस्तार के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं हुआ। भू-अधिग्रहण के लिए भारी भरकम धनराशि देना राज्य के लिए आसान नहीं है।

कृषि यंत्र, खाद, कार्टन पर जीएसटी राहत न मिलने से भी किसान-बागवान मायूस
केंद्रीय बजट 2025 से प्रदेश के किसानों-बागवानों को मायूसी हाथ लगी है। बागवान सेब पर आयात शुल्क और आयात मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन दोनों की मांगों की अनदेखी हुई है। लगातार तीसरी साल केंद्र सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत बजट प्रावधान नहीं किया है। इतना ही नहीं, कृषि यंत्रों, खादों, दवाओं और कार्टन पर जीएसटी छूट का भी बजट में कोई एलान नहीं हुआ है। बजट में किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी नहीं की गई है उलटा ऋण लेने को प्रोत्साहित किया गया है।

फल सब्जी एवं फूल उत्पादक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा है कि 2019 से किसान सम्मान निधि 6000 रुपये है। उम्मीद थी इस बजट में इसे बढ़ाकर 18000 कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई। किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण की सीमा जरूर 5 लाख कर दी गई है। सेब के लिए आयात शुल्क 100 फीसदी करने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। विदेशी सेब का न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाने की मांग की भी बजट में अनदेखी हुई है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत हिमाचल में हर साल करोड़ों की सेब खरीद होती है। कृषि यंत्रों, खादों, दवाओं और पैकेजिंग कार्टन पर जीएसटी में राहत की घोषणा न होने से भी किसान बागवान मायूस हैं। केंद्र सरकार ने उपज बढ़ाने का दावा किया है लेकिन कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया। बिहार के लिए मखाना बोर्ड और फूड यूनिवर्सिटी की घोषणा की गई है, पहाड़ी राज्यों के किसान-बागवानों की झोली खाली रखी गई है।

निवेश बढ़ेगा, प्रदेश में नए उद्योग भी लगेंगे
बीबीएन के उद्यमियों ने केंद्र सरकार के बजट को प्रोग्रेसिव बजट बताया। लोगों के पास पैसा बचेगा, निवेश बढ़ेगा। नए बजट से प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र को भी पंख लगेंगे। बीबीएनआईए के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने इस बजट को प्रोग्रेसिव बजट बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के साथ मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम करेगी। इसके लिए केंद्र ने 1.50 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा गया है। इससे राज्य सरकारों को यह फायदा होगा कि उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अब केंद्र से पैसा मिल जाएगा। बीबीएनआईए के सलाहकार शैलेष अग्रवाल ने इस बजट को ऐतिहासिक बताया। कहा कि बीबीएन में 2400 में से 2000 छोटे उद्योग हैं। लघु उद्योगों के लिए लिमिट 500 करोड़ तक बढ़ा दी है। इन उद्योगों को बिना गारंटी के 10 करोड़ तक बैंक लोन देंगे, जिसमें केंद्र सरकार की गारंटी होगी।

पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया ने बताया कि नए बजट में कई स्लैब पर ड्यूटी पूरी तरह से समाप्त कर दी हैं। इससे निवेश बढ़ेगा। मोबाइल, एलईडी, कारों पर ड्यूटी कम कर दी है। अब आने वाले समय में यह सामान सस्ते होंगे। कैंसर समेत 36 जीवन रक्षक दवाइयां सस्ती होंगी।

लघु उद्योग भारती के प्रदेश महासचिव संजीव शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयकर छू़ट कर सभी मध्यम वर्ग के लोगों को खुश कर दिया है। अब एक लाख तक सैलरी लेने वाले कर्मचारियों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे लोगों के पास पैसा बचेगा और वह इस पैसे को मार्केट में खर्च करेंगे और मांग बढ़ेगी।

गत्ता उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष आदित्य सूद ने बताया कि केंद्र ने लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों के लिए जहां लिमिट बढाई है। वहीं टर्नओवर पर भी लिमिट को ढाई गुणा बढ़ा दिया है। इससे खपत बढ़ेगी। गत्ता उद्योगों समेत अन्य का भी काम बढ़ेगा।

बागवान फिर हुए निराश 
बजट ने एक बार फिर बागवानों को निराश किया है, क्योंकि अन्य देशों से सेब पर आयात शुल्क और न्यूनतम आयात मूल्य बढ़ाने की लंबे समय से चली आ रही मांग पर बजट में ध्यान नहीं दिया गया। कृषि इनपुट, पैकेजिंग और मशीनरी पर टैक्स कम करने की मांग की भी बजट में अनदेखी हुई। किसान क्रेडिट कार्ड पर रियायती कर्ज लेने की सीमा मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करना स्वागतयोग्य है। – लोकेंद्र सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन 

पर्यटन को लगेंगे पंख आर्थिकी होगी मजूबत
बजट में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए अनेकों प्रावधान हैं। इससे हिमाचल जैसे पर्यटन आधारित प्रदेश को काफी मदद मिल सकती है। कुछ और शहर/कस्बों तक छोटा हवाई जहाज पहुंचाने के अवसर बढ़ाने के लिए उड़ान योजना को आगे बढ़ाया गया है। स्मार्ट सिटी समकक्ष कुछ पर्यटन सर्किट विकसित करने में केंद्रीय बजट से फायदा लिया जा सकता है। होम स्टे और अन्य ढांचागत प्रयोजन से पर्यटन क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद, आय, रोजगार को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

राज्यों को पावर सेक्टर में ढांचा सुदृढ़ करने के लिए बढ़े हुए लोन की सुविधा मिलेगी। इस तरह के पूंजीगत व्यय से राज्य अवश्य लाभान्वित होगा, क्योंकि ऋण का अधिकांश हिस्सा अभी पूंजीगत व्यय के लिए नहीं बच पाता। 4% तक सस्ते ब्याज पर बनते किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करना किसानों-बागवानों के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि सीमांत एवं लघु जोत आकार में जीवन यापन करता प्रदेश का अधिकांश तबका बीज, कीटनाशकों के लिए पैसे नहीं जुटा पाता। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है।

बजट किसानों, महिलाओं युवाओं के लिए समर्पित
बजट में नया टैक्स कानून पेश करने की घोषणा सभी करदाताओं के लिए स्वागत योग्य है। इस बजट में किसानों, बागवानों, महिलाओं, युवाओं तथा मध्य वर्ग पर ध्यान देते हुए बजट को अधिक लोक लुभावना बनाने का प्रयास किया गया है। एक और इस बजट में सभी करदाताओं के लिए 12 लाख तक की आय को  टैक्स फ्री करना एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। वहीं आईआईटी तथा मेडिकल कॉलेजों की सीटें बढ़ाना तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना युवाओं और विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत देशभर के किसानों के लिए कई प्रकार की सुविधाओं का फायदा किसानों को पहुंचाने का प्रयास किया गया है।

बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, जो देश की बीमा कंपनियों के लिए प्रतियोगितात्मक रहेगा तथा उनके उत्साह में कमी कर सकता है। इस बजट में पहली बार भारत सरकार द्वारा गिग वर्कर्स के बारे में चिंता व्यक्त की गई है तथा उनके लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी सुविधा का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है। इससे एक करोड़ गिग वर्कर्स को फायदा होने का अनुमान लगाया गया है।

एक्सपर्ट कमेंट: धन अधिक होगा तो जीडीपी में बढ़ोतरी होगी
इस बार का केंद्रीय बजट हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। निवेश और उपभोग को विशेष स्थान दिया गया है। एक रुपये के निवेश से जीडीपी में 2 से 3 गुणा बढ़ोतरी होगी। यह हिमाचल प्रदेश के हित में है। उत्पादन केंद्र के कारण उद्योग क्षेत्र में निवेश का बहुत बड़ा फायदा होगा, जिसमें रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। एमएसएमई में निजी निवेश बढ़ेगा। आयकर छूट की सीमा 12 लाख रुपये करने से हिमाचल प्रदेश के लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से फायदा काफी होगा, क्योंकि खर्च करने के लिए लोगों के पास धन अधिक होगा, जिससे प्रदेश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होगी।

एमएसएमई को ऋण से चमकेगा उद्योग जगत शिमला। केंद्र सरकार के बजट में टर्म लोन में 20 करोड़ रुपये तक की राशि से उद्योगों को विस्तार मिलेगा। एमएसएमई (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम) के लिए ऋण की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर सीधे 10 करोड़ कर दी गई है। निवेश सीमा भी बढ़ाई गई है, जिससे उद्योगों को लाभ मिलेगा। बजट में दी गई यह राहत हिमाचल प्रदेश के छोटे उद्योगों को बड़ी राहत देगी। इसके अलावा प्रदेश में नए उद्योग स्थापित होंगे और मौजूदा उद्योगों का विस्तार संभव हो सकेगा। पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने से हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों को लाभ होगा।

आत्मनिर्भर भारत के नव निर्माण को दिशा : नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व हिमाचल से राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार का आम बजट सर्वजनहिताय एवं सर्वजन सुखाय के साथ ही ‘विकसित भारत’ निर्माण के संकल्प की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह आम बजट सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के नवनिर्माण को दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस बजट में महिला, मजदूर, गरीब, किसान, युवा, व्यापारी, कृषि, मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, उद्योग, निवेश और निर्यात समेत सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा है।

विकसित भारत के लक्ष्य की पूर्ति की आधारशिला 
सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बजट को सर्वस्पर्शी, सर्वलाभकारी, विकसित और हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट बताया है।  कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया बजट  विकसित भारत के उद्देश्यों की आधारशिला है। गरीब, युवा, अन्नदाताओं, व नारीशक्ति पर केंद्रित यह समावेशी बजट देश के हर वर्ग के कल्याण को समाहित करता है। शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ स्टार्ट अप, इनोवेशन और निवेश को शामिल कर यह बजट भारत के नवनिर्माण को समर्पित है।

आम बजट सर्वहिताय सर्वसुखाय : सिकंदर
राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा प्रो. सिकंदर कुमार ने आम बजट को को सर्वहिताय, सर्वसुखाय एवं विकसित भारत का लक्ष्य पूर्ण करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में मोदी सरकार का सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मूल मंत्र झलकता है। इस बजट में मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने, एमएसएमई को समर्थन देने, रोजगार आधारित विकास को सक्षम करने, कर्मचारी व मध्यम वर्ग को राहत दी गई है।

सस्ते लोन से किसानों को होगा फायदा : कश्यप
सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट है। यह हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है। कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति आने पर हमें लिक्विडिटी के काम के बारे में पता चलेगा, लेकिन किसानों की लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए केसीसी में सस्ते कर्ज की सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है।

बुद्ध से जुड़े पचास स्थल  विकसित होंगे: राजीव
लोकसभा में कांगड़ा से भाजपा के सांसद राजीव भारद्वाज ने कहा कि बुद्ध से जुड़े 50 स्थलों को विकसित करने की भी घोषणा की गई है। उनके संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले धर्मशाला को बौद्ध धर्म की सबसे बड़ी स्थली के रूप में जाना जाता है। इस धर्म के सबसे बड़े गुरु दलाईलामा यहीं रहते हैं। यहां देश-दुनिया से लोग आते हैं। ऐसे में इसी क्षेत्र को विशेष रूप से विकसित करने के लिए ऐसे 50 स्थलों में शामिल करने की मांग की जाएगी।

हिमाचल के विकास पर होगा अनुकूल असर : इंदु
राज्यसभा सांसद इंदु बाला गोस्वामी ने केंद्रीय बजट का स्वागत किया है। गोस्वामी ने बताया कि विकसित भारत का यह बजट सर्वस्पर्शी है। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केंद्र में रखते हुए दस व्यापक क्षेत्रों पर फोकस करते हुए आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत की कल्पना को केंद्रीय बजट पूरा करेगा। सांसद ने बताया कि इस बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बेहतर किया गया है। विशेषकर कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ितों को राहत प्रदान की है।

धर्माणी बोले-हिमाचल की अनदेखी, मांगें नजरअंदाज 
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आम बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि बजट में हिमाचल प्रदेश की उम्मीदों को नजरअंदाज किया गया है, जबकि राज्य सरकार ने बजट पूर्व परामर्श बैठकों में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे।

मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने केंद्र के समक्ष कई अहम मांगें रखी थीं, जिनमें प्रमुख रूप से प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं का 100 प्रतिशत केंद्र सरकार के खर्च पर विकास करना शामिल था। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्य का 10 प्रतिशत योगदान हटाने का भी अनुरोध किया गया था। कांगड़ा एयरपोर्ट के विकास के लिए केंद्र से वित्तीय मदद की मांग की थी। आरोप लगाया कि यह बजट विशेष रूप से बिहार चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

हर वर्ग के हितों का रखा ध्यान : कटवाल
झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल ने मोदी सरकार के बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए इसका स्वागत किया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल एवं गतिशील नेतृत्व में राजग सरकार के बजट में महिला, मजदूर, गरीब, किसान, युवा, व्यापारी और मध्यमवर्गीय परिवारों समेत हर वर्ग के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है। आम बजट सशक्त समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हुए विकसित भारत का संकल्प साकार करेगा। कहा कि 2025 का बजट जहां विकसित और हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट है। बजट किसान, गरीब, मध्यम वर्ग, पोषण और स्वास्थ्य से लेकर स्टार्ट-अप, इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट तक हर क्षेत्र को समाहित करता आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप भी है।

विकसित भारत का रोडमैप : जयराम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केंद्रीय बजट आम आदमी का बजट है। यह बजट में आम आदमी की आकांक्षाओं और विकसित भारत के लक्ष्य का रोडमैप है।
शनिवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बजट देश के विकास का इंजन कहे जाने वाले आम आदमी के हितों को ध्यान रखने वाला बजट हैं। ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता है कि हर महीने देश में एक लाख से ज्यादा की कमाई करमुक्त हो सकती है।

जयराम ने कहा कि इस बार के बजट में कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 36 दवाइयों पर लगाने वाली कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने, हर जिले में कैंसर अस्पताल खोलने और आयुष्मान से हो रहे कैंसर के इलाज से हमारा देश कैंसर के खिलाफ निर्णायक और प्रभावी लड़ाई लड़ सकेगा।
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