Mahakumbh 2025: अठखेलियां, शैतानी व खुद को भूलकर किया जाने वाला आलिंगन, जब एक नागा की ‘मां’ से होती है मुलाकात
Mahakumbh 2025 Naga Sanyasi Emotional Reunion: ये ‘महाकुंभ’ है, यहां जीवन खत्म हो जाएगा पर रहस्य खत्म नहीं होंगे। इस मेले को जितना जानो ये आपके लिए उतना बड़ा होता जाता है। इतने रहस्यों को समेटे हुए व्यक्तित्व यहां होते हैं कि आप कितनी भी कोशिश कीजिए लेकिन अहसास यही होगा कि आपको अभी कुछ नहीं पता। कुछ समय से नागाओं को जानने की कोशिश में आज एक और जानकारी का पता चला। उस क्षण को ‘अध्यात्म की पराकाष्ठा’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह समय होता है जब एक नागा संन्यासी की अपनी ‘मां’ से मुलाकात होती है।
Maha kumbh Mela: सनातन का अर्थ होता है, शाश्वत या ‘सदा बना रहने वाला’, यानी जिसका न आदि है न अंत। इसके लिए जीना और इसी के लिए प्राण त्याग देना, ये नागाओं के जीवन का लक्ष्य होता है। खुद का पिंडदान करने वाले और सबकुछ त्याग देने वाले नागा सनातन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन एक बात हमेशा से कौतूहल का विषय रही है कि जब नागा संन्यासी शाही स्नान का हिस्सा बनते हैं तो अचानक से उनके भाव में बदलाव क्यों आ जाता है।
