Jalgaon Train Accident: ट्रैक के घुमावदार होने और ब्रेक लगाने की दूरी…, इन वजहों से नहीं टल पाया रेल हादसा
विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रेय कराले ने बताया कि हमने अब तक 13 में से आठ शवों की पहचान कर ली है, जिनमें से दो की पहचान उनके आधार कार्ड से हुई है। ‘सेंट्रल सर्किल’ के सीआरएस मनोज अरोड़ा ने कहा कि वह गुरुवार को दुर्घटना स्थल का दौरा करेंगे।
उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में हुई ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 13 हो गया है। गुरुवार सुबह हादसे वाली जगह पटरियों के किनारे एक क्षत विक्षत शव बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि शव का सिर्फ धड़ बरामद हुआ है। मृतकों में चार नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। इससे पहले बीते दिन मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में चेन खींचने की घटना के बाद ट्रेन से उतरे कुछ यात्री पास की पटरी से गुजर रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए थे।
विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रेय कराले ने बताया कि हमने अब तक 13 में से आठ शवों की पहचान कर ली है, जिनमें से दो की पहचान उनके आधार कार्ड से हुई है। ‘सेंट्रल सर्किल’ के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) इस दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे। ‘सेंट्रल सर्किल’ के सीआरएस मनोज अरोड़ा ने कहा कि वह गुरुवार को दुर्घटना स्थल का दौरा करेंगे।
इससे पहले रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दोनों ट्रेनों के चालकों ने प्रोटोकॉल का पालन किया और दुर्घटना को टालने की पूरी कोशिश की। मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब पुष्पक एक्सप्रेस मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर पचोरा के पास माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच रुकी तो चालक ने नियम के हिसाब से फ्लैशर लाइट चालू कर दी थी। कर्नाटक एक्सप्रेस के चालक ने पुष्पक एक्सप्रेस की फ्लैशर लाइट सिग्नल देखने के बाद ब्रेक लगा दिए। अधिकारी ने प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि हालांकि, ट्रैक के घुमावदार होने की वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस की दृश्यता प्रभावित हुई। यही कारण है कि ट्रेन की ब्रेक लगाने की दूरी भी प्रभावित हुई।
कैसे हुआ हादसा?
अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे के मुख्य मार्ग के अंतर्गत आने वाले इस खंड पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलती हैं। उन्होंने बताया कि हादसा बुधवार को तब हुआ, जब पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह के बाद यात्री डर के मारे जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए। इस दौरान कई बंगलूरू से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
कोच के अंदर किसी चिंगारी या आग से इनकार
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा शहर के पास माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच हुई, जब शाम करीब 4.45 बजे किसी ने चेन खींची, जिसके बाद पुष्पक एक्सप्रेस रुकी। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि कोच के अंदर किसी चिंगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया।
मुआवजे का एलान
स्विट्जरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। रेलवे बोर्ड ने भी मृतकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और सामान्य चोटों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।