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UP: संभल में 47 साल बाद हिंदू परिवार को मिली अपनी जमीन, 1978 के दंगे के बाद नरौली चला गया था पीड़ित परिवार

1978 Riots Land Dispute: संभल में हिंदू परिवार की जमीन पर मिला कब्जा मिल गया है। इस जमीन पर कब्जा किया गया था। इस जमीन को विद्यालय की जमीन में शामिल कर दिया गया था।

Sambhal Land Recovery: संभल कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जगत में हिंदू (माली) परिवार की लाखों रुपये की जमीन पर दूसरे समुदाय के लोगों का कब्जा मिला है। यह जमीन 10वीं कक्षा तक संचालित आजाद जन्नत निशा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परिसर में है।

मंगलवार को पीड़ित परिवार के साथ पहुंचीं एसडीएम वंदना मिश्रा ने खतौनी के आधार पर करीब डेढ़ बीघा जमीन को चिह्नित कराया। वहीं, दूसरी ओर विद्यालय प्रबंधक डॉ. शाजेव की ओर से दावा किया है कि यह जमीन 1971 से 1976 के बीच संस्था के नाम खरीदी गई थी। जिसके बैनामे भी कराए गए हैं।

बनियाठेर थाना क्षेत्र के कस्बा नरौली निवासी रघुनंदन का परिवार 1978 तक संभल के महमूद खां सराय में रहता था। 1978 में दंगा हुआ तो नरौली जाकर बस गए थे। पुश्तैनी जमीन मोहल्ला जगत में थी। जिसमें फूलबाग हुआ करता था।

रघुनंदन का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया और विद्यालय की जमीन में शामिल कर दिया। बताया कि इसकी शिकायत कई बार की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया से शिकायत की तो उन्होंने जांच के लिए आदेश किए। इसी क्रम में उनकी जमीन को एसडीएम द्वारा चिह्नित कराया गया है। एसडीएम का कहना है कि खतौनी के अनुसार तो पीड़ित परिवार की दो बीघा जमीन होनी चाहिए लेकिन मौके पर डेढ़ बीघा जमीन मिली है। उसको चिह्नित करा दिया गया है। विद्यालय प्रबंधन समिति अभी तक कोई दस्तावेज नहीं दिखा सकी है।

1968 से वित्तविहीन संस्था द्वारा संचालित होता है विद्यालय
प्रबंधक डॉ. शाजेव ने बताया कि उनका विद्यालय वित्तविहीन संस्था द्वारा संचालित होता है। इसकी स्थापना 1968 में की गई थी। उसी समय 1971, 1972 और 1976 में अलग-अलग जमीनों के बैनामे कराए गए थे। जिसमें कुछ जमीन का दाखिल खारिज भी नहीं हुआ था। बताया कि संस्था के नाम ही जमीन का बैनामा किया गया था। करीब छह बीघा जमीन में विद्यालय संचालित होता है। जिधर जमीन चिह्नित की गई है उधर मैदान का हिस्सा है।

फायर स्टेशन का बोर्ड लगा मिला, दमकल विभाग से भी खंगाले जा रहे रिकॉर्ड

विद्यालय परिसर में फायर स्टेशन संभल का पुराना बोर्ड लगा हुआ मिला। एसडीएम के जानकारी करने पर प्रबंधक ने बताया कि दमकल की टीम फायर सिलिंडर लगाने के लिए आते थे तो उन्होंने यह बोर्ड लगा दिया था। एसडीएम ने कहा कि यह यदि प्रचार का बोर्ड होता तो उस पर फायर स्टेशन संभल क्यों अंकित किया जाता।
इसके बाद एसडीएम ने दमकल की टीम को मौके पर बुलाया। जानकारी करने पर पता चला कि 1984 से मंडी समिति में फायर स्टेशन संचालित हो रहा है। एसडीएम का कहना है कि ऐसे में आशंका है कि 1984 से पहले फायर स्टेशन इस जमीन पर ही संचालित होता रहा हो। एसडीएम ने अग्निशमन अधिकारी (द्वितीय) बाबूराम से रिकॉर्ड निकालने के लिए कहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित परिवार ने शिकायत की थी। मौके पर पैमाइश कराकर करीब डेढ़ बीघा जमीन चिह्नित कराई है। फायर स्टेशन का बोर्ड पुराना लगा मिला है। उसकी भी जानकारी कराई जा रही है। जिससे सही जानकारी सामने आ सके। विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई दस्तावेज सही नहीं दिखाया गया है।-वंदना मिश्रा, एसडीएम, संभल

1984 से फायर स्टेशन संभल की मंडी समिति में संचालित होने का रिकॉर्ड मिला है। उससे पहले कहां से संचालित होता था। उसका रिकॉर्ड मुरादाबाद से मंगाया गया है। जिससे यह जानकारी हो सके कि मोहल्ला जगत में संचालित होता था या नहीं होता था।-बाबूराम, अग्नि शमन अधिकारी (द्वितीय), संभल
विद्यालय का संचालन वित्तविहीन संस्था द्वारा किया जाता है। 1968 से विद्यालय का संचालन हो रहा है। जितनी भी जमीन विद्यालय की संस्था के नाम है सभी का बैनामा है। लेकिन उनके दस्तावेज प्रशासन देख नहीं रहा। यदि प्रशासन नहीं सुनेगा तो न्याय के लिए अगला कदम उठाया जाएगा। -डॉ. शाजेव, प्रबंधक, आजाद जन्नत निशा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
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