गाजीपुर में लेखपाल को झूठा फंसाने का सासनी में लेखपालों ने किया विरोध
गाजीपुर में लेखपाल को साजिशन झूठा फंसाने का विरोध करते हुए सासनी में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनरतले लेखपालों ने प्रदेश और जिला कार्रकारिणी के निर्देशानुसार जमकर प्रदर्शन किया और लेखपाल पर लगे अरोपों को निरस्त करने की मांग की। तथा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में लेखपालों ने कहा है कि लेखपाल राजस्व विभाग का फील्ड कर्मचारी हैं, जिसका सम्बन्ध जनता से सीधे होता है। जनता की भूमि विवाद सहित अधिकांश समस्याओं से सम्बन्धित संदर्भ निस्तारण हेतु लेखपाल के पास ही आते हैं। दो पक्षों के विवाद के निस्तारण सम्बन्धी की गयी कार्यवाही से किसी एक पक्ष का असंतुष्ट होना स्वाभाविक है। पंचायत या विकास विभाग की विविध योजनाओं हेतु भूमि उपलब्ध कराने एवं अवैध अतिक्रमण की स्थिति में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से भी अतिचारी एवं प्रभावित व्यक्तियों के परिवार लेखपाल से दुश्मनी ठान लेता है, और लेखपाल को क्षेत्र की राजनीति में घसीटने का भी प्रयास किया जाता है। इस प्रकार विधि विरुद्ध कार्य कराने में असफल एवं विविध कारणों से असंतुष्ट व्यक्ति लेखपालों के खिलाफ साजिश करके एण्टी करप्शन टीम द्वारा पकड़वाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। एण्टी करप्शन कार्यालय द्वारा सामान्य शिकायत के आधार पर वास्तविक तथ्यों का परीक्षण किए बगैर शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल बोल कर शिकायती प्रार्थनापत्र लिखवाया जाता है। और प्री ट्रैप जांच की कागजी औपचारिकता कर उसी दिन अथवा अगले दिन लेखपाल को फंसाने के विविध प्रयास करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। अधिकांश प्रकरणों में शिकायत पत्र में उल्लिखित कार्य लेखपाल से सम्बन्धित भी नहीं होता है और न ही लेखपाल द्वारा कोई रिश्वत की मांग की गयी होती है। लेखपाल को सामने मिलने पर शिकायतकर्ता द्वारा जबरन उसकी जेब या हाथ वाहन तथा कक्ष में पैसा रख दिया जाता है। टीम द्वारा जबरन पकड़कर लेखपाल के हाथ में पैसा रखवाकर अथवा पाउडर लगाकर अथवा अपने पाउडर लगे हाथ से लेखपाल का हाथ पकड़कर, पानी के गिलास में धुलवाये जाते हैं। इस दौरान संघ अध्यक्ष अरविंद सेंगर, गौरव चैधरी, श्रीमती भारती शर्मा, धर्मवीर सिंह, सचिन पुण्ढीर, सचिन शर्मा, राजेश कुमार, नीरज शर्मा, प्रमोद अग्निहोत्री, राकेश जैन, जनरल सिंह, बलवीर सिंह, हर्ष सेंगर,ख् अमन कुमार, कु0 वर्षा, वीरेन्द्र, विवेक वाष्र्णेय, आदि लेखपाल मौजूद थे।