रबड़ी, मुनक्का और बर्फी। सब जानते हैं कि यह मिठाई है। लेकिन नशे की दुनिया के अड्डों पर अगर आप मुनक्का मांगेंगे तो भांग मिलेगी। रबड़ी बोलेंगे तो स्मैक की पुड़िया थमा दी जाएगी और धीरे से बर्फी का नाम लेते ही अफीम आपके सामने होगी। अनूपशहर रोड, रामघाट रोड, जीटी रोड और सासनी गेट रोड पर खुलीं छोटी दुकानें, खोखे और सड़क किनारे गुटका और बीड़ी सिगरेट की फड़ लगाए बैठे लोग इन मिठाई के नाम से ही अपने ग्राहक की पहचान करते और उसे नशे का सामान मुहैया करा देते हैं। इन अड्डों पर स्कूल-कालेज के छात्र भी देखे जा सकते हैं।
जीटी रोड के मालगोदाम के पास कुछ छात्र किसी शख्स के इंतजार में खड़े हुए थे, तभी एक व्यक्ति आया, जिससे उन्होंने काला सोना मांगा। उसने कागज की एक पुड़िया थमाई और पैसे लिए फिर वह कहीं चला गया। यहां पता चला कि काला सोना चरस को कहा जा रहा था।
जीटी रोड के मालगोदाम के पास कुछ छात्र किसी शख्स के इंतजार में खड़े हुए थे, तभी एक व्यक्ति आया, जिससे उन्होंने काला सोना मांगा। उसने कागज की एक पुड़िया थमाई और पैसे लिए फिर वह कहीं चला गया। यहां पता चला कि काला सोना चरस को कहा जा रहा था।
शहर के एक मेडिकल स्टोर पर कुछ स्कूली बच्चे खांसी की दवा कोरेक्स लेने पहुंचे। दवा की शीशी लेकर थोड़ी दूर जाकर एकांत जगह में एक साथ पी ली और चलते बने।
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