मोबाइल को लेकर माता-पिता ने डांटा: छात्रा ने आत्महत्या की, सुसाइड नोट में लिखा- पीसफुल तरीके से जाना चाहती हूं

📰 युवाओं में बढ़ता मानसिक दबाव: काठगोदाम की 20 वर्षीय छात्रा ने की आत्महत्या
काठगोदाम क्षेत्र के शीशमहल स्थित कर्नल वार्ड में सोमवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। हाइडिल विभाग में कार्यरत कर्मचारी चंद्रशेखर तिवारी की 20 वर्षीय बेटी जिज्ञासा तिवारी, जो बी.फार्मा तृतीय वर्ष की छात्रा थी, ने अपने ही कमरे में फंदा लगाकर जीवन समाप्त कर लिया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुबह माता-पिता ने उसे मोबाइल और लैपटॉप चलाने से मना किया, जिससे वह नाराज हो गई। कुछ समय बाद जब उसने कमरे का दरवाजा नहीं खोला, तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा और उसे फंदे से उतारा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कमरे से मिला सुसाइड नोट यह दर्शाता है कि वह “पीसफुल तरीके से जाना चाहती है।” पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
⚠️ बढ़ते सुसाइड केसों ने बढ़ाई चिंता
डॉक्टरों के अनुसार, हर महीने पोस्टमार्टम हाउस में 15 से 20 आत्महत्या के मामले पहुंच रहे हैं, जिनमें अधिकतर युवा वर्ग शामिल है। मानसिक दबाव, सोशल मीडिया की लत, नींद की कमी और संवाद की कमी इन घटनाओं के प्रमुख कारण बन रहे हैं।
एसटीएच के डॉ. सौरभ विशाल के अनुसार —
“युवा अब छोटी बातों से भी मानसिक रूप से टूटने लगे हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को नशे से दूर रखें, देर रात तक जगने की आदत न बनने दें और प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा शारीरिक गतिविधि के लिए प्रेरित करें।”
