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आतंकी साजिश: 12 सूटकेस से 360 KG विस्फोटक, डॉक्टर के घर से राइफल समेत हथियारों का जखीरा मिला; एक इमाम भी पकड़ा|

आतंकी साजिश: 12 सूटकेस से 360 KG विस्फोटक, डॉक्टर के घर से राइफल समेत हथियारों का जखीरा मिला; एक इमाम भी पकड़ा|
आतंकी साजिश: 12 सूटकेस से 360 KG विस्फोटक, डॉक्टर के घर से राइफल समेत हथियारों का जखीरा मिला; एक इमाम भी पकड़ा|

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में फरीदाबाद से 360 किग्रा अमोनियम नाइट्रेट, हथियार और आईईडी सामग्री बरामद की है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुज्जमिल और एक इमाम गिरफ्तार किया है। फरीदाबाद पुलिस ने बताया कि अभी ऑपरेशन जारी है।

आतंकी साजिश: 12 सूटकेस से 360 KG विस्फोटक, डॉक्टर के घर से राइफल समेत हथियारों का जखीरा मिला; एक इमाम भी पकड़ा|

विस्तार

हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में फरीदाबाद से भारी मात्रा में आईईडी बनाने की सामग्री और गोला-बारूद की बरामदगी के संबंध में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की जा रही जांच के दौरान हुई है।

फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह एक संयुक्त ऑपरेशन है जो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच चल रहा है। इस ऑपरेशन के तहत, एक आरोपी डॉ. मुजम्मिल को पकड़ा गया है। कल, लगभग 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया है। यह आरडीएक्स नहीं है। फरीदाबाद के फतेहपुर टागा क्षेत्र से कश्मीरी डॉक्टर मुज्जमिल को पकड़ा था। जो नमाज अदा करने आता था। पुलिस ने अल्फलाह मेडिकल कॉलेज से 3 किलोमीटर आगे फतेहपुर तगा गांव में इमाम के घर रेड शुरू की।

 

एक बड़े हमले की साजिश थी: डिप्टी सीएम केशव मौर्य
इस घटना पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केपी मौर्य ने कहा कि देश के सुरक्षा एजेंसियां राष्ट्र के दुश्मनों का पता लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के दुश्मन हर तरह की कोशिश करते हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां उन सभी प्रयासों को विफल करती हैं। यह एक बड़ी सफलता है। यह देश में एक बड़े हमले की साजिश थी। आतंकवाद मुक्त भारत की दिशा में यह एक बड़ी सफलता है।”

‘पढ़े लिखे लोगों को बनाया जा रहा स्लीपर सेल’
इस मामले पर यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यह सब कुछ ‘टच एंड गो’ जैसा था। यह एक वेक-अप कॉल है कि दुश्मन हमारे दरवाजों के अंदर है। यदि वे तीन क्विंटल विस्फोटक सामग्री की तस्करी कर सकते थे, तो कल्पना कीजिए कि इसका विनाशकारी प्रभाव क्या होता और 300 किलो की विनाशकारी शक्ति कितनी होती।

उन्होंने आगे कहा, “यह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से संबंधित था; मसूद अजहर पाकिस्तान में छिपा एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी है। यही समय है कि भारत एक माकूल जवाब दे। इस मॉड्यूल को निष्क्रिय कर दिया गया है, लेकिन जेईएम ने अपने काम को उन्नत किया है कि वे अब डॉक्टरों, स्नातकोत्तर डिग्री और डिप्लोमा वाले स्नातकोत्तर डॉक्टरों को स्लीपर सेल के रूप में शामिल कर रहे हैं।

बरामद की गई सामग्री में एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन और 83 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल, आठ जिंदा कारतूस, दो खाली मैगजीन, आठ बड़े और चार छोटे सूटकेस, और एक बाल्टी शामिल है, जिसमें से लगभग 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुई है। इसके अलावा, 20 टाइमर बैटरियां, 24 रिमोट, लगभग 5 किलोग्राम भारी धातु, वॉकी-टॉकी सेट, इलेक्ट्रिक तार, बैटरियां और अन्य संदिग्ध सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह आरडीएक्स नहीं है, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट है। बरामद की गई राइफल AK-47 जैसी है, लेकिन उससे थोड़ी छोटी है।

गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम इमाम शामिल हैं। इमाम की पत्नी ने बताया कि उनके पति को पुलिस ले गई है। जो पिछले 20 साल से मस्जिद में सेवा दे रहे थे। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें क्यों ले जाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर साहब (मुज्जमिल) हर दिन पांच बार नमाज पढ़ने आते थे और वह कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं।

पुलिस आयुक्त ने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी डॉ. मुज्जमिल फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।

अनंतनाग के डॉक्टर आदिल से मुजाहिल शकील तक पहुंची पुलिस
यूपी के सहारनपुर से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंधों के चलते अनंतनाग के रहने वाले एक डॉक्टर आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। इसी कड़ी में कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में किराए पर रह रहे डॉक्टर के कमरे में छापा मारा। बताया जा रहा है कि कश्मीरी डॉक्टर मुजाहिल शकील ने फरीदाबाद में किराए पर कमरा लिया था। आरोपी डॉक्टर यहां रहता नहीं था। उसने केवल सामान रखने के लिए कमरा लिया था।

पुलिस ने कमरे से 14 बैग बरामद किए हैं, जिनमें 360 किलो विस्फोटक, एके 47 जैसी राइफल, 84 कारतूस और केमिकल रखा हुआ था। तीन महीने पहले किराये पर कमरा लिया था। बताया जा रहा है कि डॉक्टर शकील ने 3 महीने पहले ही किराये पर कमरा लिया था। रेड के दौरान 10 से 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।

आरोपी डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस मामले में चार राज्यों जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से पूरे मामले का कनेक्शन खंगाला जा रहा है। मकान मालिक को कहा था कि सिर्फ सामान रखना है। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर ने कमरा किराये पर लेते हुए मकान मालिक को कहा था कि उसे यहां सिर्फ सामान रखना है। उसके बाद कई बैग यहां रखे गए। बैग में क्या है, ये न मकान मालिक ने पूछा न किसी और ने।

गुजरात से एटीएस ने तीन को किया गिरफ्तार
बीते रविवार को गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन संदिग्धों के पास से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और रासायनिक जहर बनाने की सामग्री बरामद हुई। यह गिरफ्तारी गुजरात एटीएस की एक साल से चल रही गहन निगरानी का परिणाम है।

गुजरात एटीएस की रडार पर थे तीनों 
गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से तीन संदिग्धों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे हथियार सप्लाई कर रहे थे। पुलिस के बयान के अनुसार, ये तीनों पिछले एक साल से एटीएस के रडार पर थे और देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद, मोहम्मद सुहेल पुत्र और आजाद के रूप में की गई है।

एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर, हैदराबाद के सैयद अहमद मोहिउद्दीन नाम के एक व्यक्ति के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और अहमदाबाद आने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान, अहमदाबाद में उसकी गतिविधि का पता चला और उसे अडालज के पास एक टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और 4 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया।

रासायनिक जहर बनाने की साजिश का खुलासा
गिरफ्तार सैयद अहमद मोहिउद्दीन, जिसकी उम्र 35-36 साल बताई जा रही है, ने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उसकी मंशा एक ऐसी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की थी जिससे भारी नुकसान हो सके। वह कई विदेशियों के संपर्क में था और ‘अबू खदीजा’ नाम की एक टेलीग्राम आईडी से जुड़ा था, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह ISKP (इस्लामिक स्टेट – खुरासान प्रांत) से संबंधित है।

मोहिउद्दीन ने रिसिन  नामक एक अत्यंत घातक रासायनिक जहर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। यह जहर अरंडी के बीजों के प्रसंस्करण से बचे अपशिष्ट पदार्थ से बनाया जाता है। वह कलोल से हथियार की खेप लेने अहमदाबाद आया था।

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Author: ILMA NEWSINDIA

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